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GST Council की 42वीं बैठक पर होगी सबकी नजर, कुछ राज्‍य क्षतिपूर्ति के लिए कर सकते हैं हंगामा

केंद्र सरकार ने अगस्त में राज्यों को दो विकल्प दिए थे। इसके तहत राज्य या तो रिजर्व बैंक के द्वारा दी गई विशेष सुविधा से 97 हजार करोड़ रुपए का कर्ज उठा सकते हैं या फिर बाजार से 2.35 लाख करोड़ रुपए उधार ले सकते हैं।

Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: October 05, 2020 8:56 IST
N Sitharaman will chair the 42nd GST Council meeting in New Delhi today- India TV Paisa
Photo:TWITTER

N Sitharaman will chair the 42nd GST Council meeting in New Delhi today

नई दिल्‍ली। माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की आज 11 बजे वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के जरिये होने वाली 42वीं बैठक में कांग्रेस व अन्‍य विपक्षी दलों के सरकार वाले राज्‍यों द्वारा हंगामा करन के आसार हैं। क्योंकि गैर-बीजेपी शासित राज्य अभी भी क्षतिपूर्ति के मुद्दे पर केंद्र के साथ असहमत हैं। बीजेपी शासित राज्यों समेत कुल 21 राज्यों ने जीएसटी क्षतिपूर्ति के मुद्दे पर केंद्र सरकार का समर्थन किया है। इन राज्यों के पास चालू वित्त वर्ष में जीएसटी राजस्व में कमी की भरपाई के लिए 97 हजार करोड़ रुपए उधार लेने का विकल्प चुनने का सितंबर मध्य तक समय था। हालांकि पश्चिम बंगाल, पंजाब और केरल जैसे विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों ने केंद्र सरकार द्वारा कर्ज उठाने के दिये गये विकल्प को अब तक नहीं चुना है।

वित्‍त मंत्री की अध्‍यक्षता में शुरू होगी जीएसटी परिषद की 42वीं बैठक

वित्‍त मंत्रालय ने बताया कि पांच अक्टूबर को 11 बजे वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण और राज्‍यमंत्री अनुराग ठाकुर की अध्‍यक्षता में जीएसटी परिषद की 42वीं बैठक आयोजित की जाएगी। बैठक में विपक्षी दलों के द्वारा शासित राज्य केंद्र के विकल्प का विरोध कर सकते हैं। ये राज्य जीएसटी क्षतिपूर्ति के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की मांग कर सकते हैं। इन राज्यों का मानना है कि राज्यों के राजस्व में कमी की क्षतिपूर्ति करना केंद्र सरकार का संवैधानिक दायित्व है। उल्लेखनीय है कि चालू वित्त वर्ष में राज्यों को जीएसटी से प्राप्त होने वाले राजस्व में 2.35 लाख करोड़ रुपए की कमी आ सकती है। केंद्र सरकार की गणना के हिसाब से इसमें महज 97 हजार करोड़ रुपए की कमी के लिए जीएसटी का क्रियान्वयन जिम्मेदार है, जबकि शेष 1.38 लाख करोड़ रुपए की कमी कोविड-19 के कारण है।

राज्यों को केंद्र से मिले थे दो विकल्प

केंद्र सरकार ने अगस्त में राज्यों को दो विकल्प दिए थे। इसके तहत राज्य या तो रिजर्व बैंक के द्वारा दी गई विशेष सुविधा से 97 हजार करोड़ रुपए का कर्ज उठा सकते हैं या फिर बाजार से 2.35 लाख करोड़ रुपए उधार ले सकते हैं। गैर-बीजेपी शासित राज्य जीएसटी राजस्व में कमी को लेकर केंद्र सरकार के साथ आमने-सामने हो गए हैं। ऐसे छह राज्यों पश्चिम बंगाल, केरल, दिल्ली, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और तमिलनाडु के मुख्यमंत्रियों ने केंद्र सरकार के द्वारा पेश विकल्प का विरोध करते हुए पत्र लिखा है। ये राज्य चाहते हैं कि जीएसटी राजस्व में कमी की भरपाई के लिए केंद्र सरकार कर्ज ले, जबकि केंद्र सरकार का तर्क है कि वह उन करों के एवज में कर्ज नहीं उठा सकती है, जो उसके खाते के नहीं हैं।

जीएसटी सेस से राज्यों को क्षतिपूर्ति

अगस्त 2019 से उपकर में कमी में गिरावट आने के बाद से राज्यों को क्षतिपूर्ति के भुगतान में दिक्कतें आ रही हैं। केंद्र सरकार को इसके बाद क्षतिपूर्ति के भुगतान के लिए 2017-18 तथा 2018-19 में जमा उपकर की राशि का इस्तेमाल करना पड़ा है। केंद्र सरकार ने 2019-20 के लिए क्षतिपूर्ति के तौर पर 1.65 लाख करोड़ रुपए जारी किए हैं, जबकि इस दौरान उपकर संग्रह महज 95,444 करोड़ रुपए रहा है। इससे पहले 2017-18 और 2018-19 में क्षतिपूर्ति की राशि क्रमश: 41,146 करोड़ रुपए और 69,275 करोड़ रुपए रही है।

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