नई दिल्ली। नीति आयोग के पूर्ववर्ती योजना आयोग के पूर्व सदस्य एन के सिंह को सोमवार को 15वें वित्त आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। इस बारे में जारी अधिसूचना के अनुसार वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के पूर्व सचिव शक्तिकांत दास, पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अशोक लाहिड़ी, नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद व जार्जटाउन विश्वविद्यालय में प्रोफेसर अनूप सिंह आयोग के सदस्य बनाए गए हैं।
आयोग अपनी रपट अक्तूबर 2019 तक सौंपेगा। आयोग केंद्र व राज्य सरकारों के वित्त, घाटे, ऋण स्तर व राजकोषीय अनुशास प्रयासों की मौजूदा स्थिति की समीक्षा करेगा। यह मजबूत राजकोषीय प्रबंधन के लिए राजकोषीय स्थिति मजबूत करने की व्यवस्था पर सुझाएगा। नये वित्त आयोग की सिफारिशें एक अप्रैल 2020 से शुरू होने वाले पांच साल की अवधि के लिए होंगी।
उल्लेखनीय है कि वित्त आयोग एक संवैधानिक संस्था है जिसका गठन संविधान के अनुच्छेद 280 के तहत हर पांच साल में होता है। आयोग केंद्र से राज्यों को मिलने वाले अनुदान के नियम भी तय करता है। नया आयोग अन्य बातों के साथ साथ माल व सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली के केंद्र व राज्यों की वित्तीय स्थिति पर असर का भी आकलन करेगा। अपनी नियुक्ति की घोषणा के बाद सिंह ने कहा कि इस तरह के आयोग के लिए केंद्र व राज्यों की वित्तीय स्थिति पर जीएसटी के प्रभाव की समीक्षा करना अनिवार्य हो गया है। सिंह ने कहा कि जीएसटी को नये आयोग के कार्य दायरे में लाये जाने पर उन्हें कोई हैरानी नहीं हुई।