मुंबई: घरेलू बाजारों में सबसे बड़े व्यक्तिगत निवेशक राकेश झुनझुनवाला ने शनिवार को कहा कि उन्होंने एक दशक से भी अधिक से निजी कंपनियों में निवेश किया हुआ है, लेकिन उन्हें जो फायदा गैर-सूचीबद्ध कंपनियों में निवेश से हुआ है, वह सूचीबद्ध कंपनियों से प्राप्त लाभ से कहीं अधिक है। झुनझुनवाला को बिग बुल (बड़ा तेजड़िया) कहा जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि देश में सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों को देखते हुए इक्विटी बाजारों पर कराधान का स्तर ‘उचित’ है।
उन्होंने जन स्माल फाइनेंस की वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘मुझे इस बात की खुशी है कि गैर-सूचीबद्ध पोर्टफोलियो पर प्राप्त होने वाली मेरी आय मेरे सूचीबद्ध पोर्टफोलियो पर मिलने वाली आय से कहीं अधिक है। वहां भी मेरे पास 10-12 साल के लंबे निवेश हैं।’’ झुनझुनवाला ने कहा, ‘‘इस तथाकथित असमान समाज में नए आकांक्षी लोग धन कमा रहे हैं। कृपया यह मत कहिए कि भारत भाई-भतीजावाद वाला पूंजीवाद है। पहली पीढ़ी के उद्यमी जिनकी कोई विरासत नहीं है, वे धन कमा रहे हैं। यह मुझे एक भारतीय के रूप में गौरवान्वित करता है।’’
झुनझुनवाला ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी और तीसरी तिमाही में कॉरपोरेट क्षेत्र का प्रदर्शन भारतीय कंपनियों की कमाई क्षमता का एक प्रमाण है। उन्होंने कहा कि अमेरिका और अन्य विकसित अर्थव्यवस्थाओं में आसान नकदी की स्थिति ने घरेलू बाजारों के आगे बढ़ने में 10 प्रतिशत का योगदान दिया होगा, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण कारक भारतीय शेयरों की आय कमाने की क्षमता है। इसी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए हीरो ग्रुप के सुनील मुंजाल ने कहा, ‘‘सरकार, उद्योग और नागरिक समाज के बीच विश्वास और भरोसे की भावना को बहाल करना’’ भारत में आवश्यक है क्योंकि हम ऊंची वृद्धि का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं।