नई दिल्ली। म्यूचुअल फंड कंपनियों को एक नवंबर तक निवेशकों की ग्रॉस अनुअल इनकम और नेट वर्थ के बारे में अतिरिक्त केवाईसी जानकारी देना अनिवार्य है। म्यूचुअल फंड उद्योग के संगठन एएमएफआई ने इस संबंध में सर्कुलर जारी कर निर्देश दिया है। फंड हाउसेस से यह भी कहा गया है कि जिन नए निवेशकों ने इस प्रकार की जानकारी नहीं सौंपी है उनके एप्लीकेशन खारिज कर दिए जाए। जबकि मौजूदा निवेशकों को यह अतिरिक्त जानकारी 31 दिसंबर 2015 तक उपलब्ध करानी होगी। Know Why: शेयर बाजार में गिरावट से कम होती है म्यूचुअल फंड की वैल्यू, फिर भी है निवेश बेहतर
म्यूचुअल फंड उद्योग के संगठन एएमएफआई के दिशानिर्देश संबंधी सर्कुलर के बाद इस ताजा जानकारियों की आवश्यकता पड़ी है। एएमएफआई ने अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) में एकरपता लाने के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। नए वैश्विक कर अपवंचना कानून फाटका के क्रियान्वयन के मद्देनजर भी यह कदम उठाया गया है। अमेरिका के कानून फाटका कानून के तहत भारत और समझौता करने वाले दूसरे देश सभी वित्तीय संस्थान नई विस्तारित केवाईसी प्रक्रिया को अपनायेंगे। इससे सालाना आधार पर अमेरिका और दूसरे विदेशी करदाताओं के खातों की पहचान करने में मदद मिल सके। Smart Planning: 5 लाख रुपए के शुरुआती निवेश से ऐसे बने 10 साल में करोड़पति
बंबई शेयर बाजार ने एक सर्कुलर जारी कर कहा है, एक नवंबर 2015 से म्यूचुअल फंड घरानों को सभी नये म्यूचुअल फंड निवेशकों के मामले में लाभार्थी मालिक के बारे में भी अनिवार्य रूप से ब्यौरा देना होगा। इसके अलावा उन्हें सकल वार्षिक आय, नेटवर्थ आदि के बारे में भी जानकारी देनी होगी।