मुंबई। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के चेयरमैन यूके सिन्हा ने बुधवार को कहा कि ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर म्यूचुअल फंड्स की बिक्री एक महीने में शुरू हो जाएगी। इससे संबंधित कंपनियों को और अधिक लोगों तक पहुंच बनाने में मदद मिलेगी। बाजार नियामक सेबी ने इंफोसिस के सह-संस्थापक नंदन नीलेकणि की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है, जो इस बात पर विचार करेगी कि म्यूचुअल फंड की बिक्री इलेक्ट्रॉनिक्स तरीके से कैसे की जा सकती है।
सिन्हा ने कहा कि समिति इस दिशा में भी काम कर रही है कि कैसे म्यूचुअल फंड की ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर बिक्री संभव हो पाए। उन्होंने यहां बंधन बैंक की 600वीं शाखा के उद्घाटन के मौके पर मीडिया से अलग से बातचीत में कहा कि मेरा अनुमान है कि एक महीने में ई-कॉमर्स वेबसाइट पर म्यूचुअल फंड बिक्री की अनुमति दी जाएगी। सेबी प्रमुख ने कहा कि भारत में म्यूचुअल फंड की वृद्धि काफी अच्छी है और ई-कॉमर्स वेबसाइट्स के जरिये खरीदारी करने वाले उपभोक्ताओं की संख्या भी बढ़ती जा रही है। सिन्हा ने कहा कि इससे युवाओं और ऊंची आमदनी वाले शिक्षित लोगों को निवेश करने में आसानी होगी।
कंपनियों ने इस वर्ष शेयरों के जरिये 68,608 करोड़ रुपए जुटाए
भारतीय कंपनियों ने वर्ष 2015 में शेयर बाजार के जरिये 68,608 करोड़ रुपए जुटाए हैं। कंपनियों के लिए अपनी व्यावसायिक आवश्यकताओं की जरूरतों को पूरा करने के लिहाज से पूंजी जुटाने के लिए बिक्री के लिए पेशकश (ओएफएस) उनका सर्वाधिक पसंदीदा तरीका रहा। यह वर्ष 2014 में इक्विटी बाजार के जरिये जुटाए गए 39,067 करोड़ रुपए से 76 फीसदी अधिक है। जुटाए गए कुल 68,608 करोड़ रुपए में ताजा पूंजी केवल 25,964 करोड़ रुपए है, जबकि शेष 42,644 करोड़ रुपए बिक्री के लिए पेशकश से आए। प्राइम डाटाबेस के प्रबंध निदेशक प्रणब हल्दिया ने कहा कि वर्ष और बेहतर हुआ होता अगर विभिन्न सार्वजनिक उपक्रमों के शेयर बिक्री की पेशकश को टाला नहीं गया होता। इस वर्ष जुटाई गई राशि वर्ष 2010 में अब तक सर्वाधिक रूप से जुटाई गई राशि से 97,746 करोड़ रुपए कम है।