नई दिल्ली। नीति आयोग के सदस्य व जाने-माने अर्थशास्त्री बिबेक देबरॉय ने शुक्रवार को कहा कि मौजूदा GST (वस्तु एवं सेवा कर) प्रणाली की एक मुख्य समस्या इसकी कई दरों वाली संरचना है। उन्होंने कहा है, ‘एक से ज्यादा दरों वाला कर ढांचा मौजूदा जीएसटी की मूल समस्या है।’ उन्होंने आगे कहा कि ऐसा अप्रत्यक्ष कर नीति और राज्यों की चिंताओं को दूर करने की वजह से हुआ है।
नीति आयोग के सदस्य बिबेक देबरॉय ने कहा कि जीएसटी का मौजूदा ढांचा बहुत अच्छा नहीं है, लेकिन यह एक शुरुआत है, जिसका फायदा देश को लंबे समय में मिलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि भारत दुनिया का पहला ऐसा देश है, जो संघीय ढांचे के साथ इसे लागू करने जा रहा है। जीएसटी से महंगाई बढ़ने के सवाल पर उनका कहना था कि दुनिया के जिन देशों ने जीएसटी को लागू किया है, वहां शुरुआत में मंहगाई बढ़ी है, इसलिए कुछ क्षेत्रों में महंगाई बढ़ सकती है। जीएसटी को एक जुलाई से लागू किया जा रहा है।
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उधर, एशियाई विकास बैंक के प्रमुख ताकेहिको नकाओ ने जीएसटी को एनडीए सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि बताया है। हालांकि, उन्होंने भी करों की दर अधिक होने पर चिंता जताई है। ताकेहिको नकाओ के मुताबिक जीएसटी में करों को लागू करने की दोहरी व्यवस्था (केंद्र और राज्य के जरिए) से ज्यादा समस्या आ सकती है। हालांकि, एशियाई विकास बैंक के प्रमुख का मानना था कि इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को एकीकृत बाजार बनाने में मदद मिलेगी और यही इसका सबसे बड़ा लाभ है।