नयी दिल्ली: दुनियाभर के प्रमुख निवेशकों से रिकार्ड पूंजी जुटाने के बाद रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने कहा है कि कंपनी अब वृद्धि के रास्ते पर बढ़ने के लिये मजबूत स्थिति में है। कंपनी के तीन व्यवसायों --दूरसंचार, खुदरा कारोबार और तेल से लेकर रसायन कारोबार को वृद्धि समर्थन देने के लिये उसके बही खाते में पर्याप्त नकदी उपलब्ध है।
कंपनी की बुधवार को जारी नवीनतम वार्षिक रिपोर्ट में उन्होंने कहा है कि कंपनी ने जियो प्लेटफॉर्म्स और खुदरा कारोबार इकाई में दो लाख करोड़ रुपए की अल्पांश हिस्सेदारी बेची है। इसके अलावा राइट्स इश्यू के जरिए और 53,124 करोड़ रुपए जुटाए हैं। जियो प्लेफॉर्म्स कंपनी के दूरसंचार और डिजिटल कारोबार को चलाती है।
अंबानी ने कहा, "उच्च तरलता के साथ हमारे पास एक मजबूत बही खाता है जो हमारे तेज वृद्धि वाले तीन इंजनों - जियो, रिटेल और ऑयल-टू-केमिकल्स के लिए वृद्धि योजनाओं में मदद करेगा।" वर्ष 2020-21 में रिलायंस ने 53,124 करोड़ रुपए का राइट इश्यू सफलता पूर्वक पूरा किया। इस इश्यू को 1.59 गुना अभिदान मिला था। यह देख का सबसे बड़ा राइट्स इश्यू था।
उन्होंने कहा, "पूरे साल जियो प्लेटफॉर्म्स और रिलायंस रिटेल ने फेसबुक तथा गूगल सहित विभिन्न रणनीतिक एवं वित्तीय निवेशकों से क्रमश: 1,52,056 करोड़ रुपए और 47,265 करोड़ रुपए जुटाए। बीपी (ब्रिटिश पेट्रोलियम) ने हमारे ईंधन खुदरा बिक्री कारोबार में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिए 7,629 करोड़ रुपए का निवेश किया।" अंबानी ने कहा कि इन निवेशों की बदौलत रिलायंस इंडस्ट्रीज तय समय से पहले ही शून्य कर्ज वाली कंपनी बन गई।
अंबानी ने कहा, "इस तरह के मजबूत वित्त प्रवाह और सबसे बड़ी पूंजी उगाही से हमारे बहीखाते को और मजबूती मिली जिससे हम निर्धारित समय सीमा से पहले बकाया चुकाने और शुद्ध रूप से शून्य रिण वाली कंपनी बनने की प्रतिबद्धता पूरी करने में सफल हुए।" उन्होंने कहा कि वर्ष के दौरान रिलायंस ने 7.8 अरब डालर के दीर्घकालिक विदेशी मुद्रा रिण का समय पूर्व भुगतान किया। इसके लिये रिजर्व बैंक से जरूरी मंजूरी ली गई। यह भारत में किसी भी कंपनी द्वारा कर्ज का समय पूर्व किया गया सबसे बड़ा भुगतान था।