नई दिल्ली। अरबपति उद्योगपित मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) ने गुरुवार को कहा कि वह सिक्यूरिटीज अपीलेट ट्रिब्यूनल (SAT) द्वारा उसकी याचिका खारिज करने के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करेगी। रिलायंस इंडस्ट्रीज ने सेबी के उस आदेश के खिलाफ सैट में याचिका दाखिल की थी, जिसमें सेबी ने अनुचित व्यापार व्यवहार के आरोपों के चलते कंपनी और उसकी 12 प्रमोटर ग्रुप इकाईयों को इक्विटी डेरीवेटिव्स में कारोबार करने से रोक दिया था।
सैट ने 2:1 वोट के साथ आरआईएल की सेबी के आदेश के खिलाफ दायर याचिका को खाजिर करने का फैसला सुनाया। सेबी ने 24 मार्च, 2017 को सुनाए अपने आदेश में कंपनी पर यह प्रतिबंध लगाया था। सेबी ने आरआईएल द्वारा रिलायंस पेट्रोलियम लिमिटेड (आपीएल) के शेयरों को नवंबर, 2007 में बेचने के मामले में यह आदेश दिया था। अरबपति मुकेश अंबानी द्वारा संचालित आरआईएल ने नियामकीय जानकारी में यह बात कही है।
आरआईएल ने कहा कि वह सैट द्वारा दिए गए आदेश का विश्लेषण करेगी। कंपनी द्वारा किए गए सभी लेनदेन वैध और सही थे। इन लेनदेन के दौरान कोई भी अनियमितता नहीं की गई। आरआईएल ने यह भी कहा कि उसने नवंबर 2007 में आरपीएल के शेयरों को बेचने के दौरान किसी भी नियम या निर्देशों का उल्लंघन नहीं किया है। कंपनी ने कहा है कि वह उचित कानूनी सलाह के आधार पर सुप्रीम कोर्ट में इस आदेश के खिलाफ याचिका दायर करेगी और उसे पूरा भरोसा है कि वह अपने आप को सही साबित करेगी।
24 मार्च, 2017 को सेबी द्वारा दिए गए फैसले में आरआईएल और उसकी 12 प्रमोटर ग्रुप इकाईयों को तथाकथित सिक्यूरिटीज मार्केट से संबंधित अनुचित व्यापार प्रथा के लिए इक्विटी डेरीवेटिव्स में लेनदेन करने से प्रतिबंधित कर दिया था। सिक्यूरिटीज मार्केट रेगूलेटर सेबी ने आरआईएल को 447 करोड़ रुपए का ब्याज सहित भुगतान करने का भी निर्देश दिया था। आरआईएल ने मार्च 2007 में रिलायंस पेट्रोलियम लिमिटेड में अपनी 4.1 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने का निर्णय लिया था। आरपीएल एक लिस्टेड कंपनी थी, जिसे बाद में 2009 में आरआईएल के साथ विलय कर दिया गया। लेकिन आरपीएल शेयर की कीमत में गिरावट आने से बचने के लिए कंपनी ने शेयरों को पहले फ्यूचर मार्केट में बेचा और बाद में इन्हें स्पॉट मार्केट में बेचा।