Highlights
- अरामको को रिलायंस के ऑयल टु केमिकल बिजनेस में 20 फीसदी हिस्सेदारी खरीदनी थी
- डील की खबर पहली बार अगस्त, 2019 में आधिकारिक तौर पर सामने आई थी
- रिलायंस ने 2019 में एक लेटर ऑफ इंटेट (LOI) पर दस्तख्त किए थे
भारतीय तेल बाजार में सबसे बड़ी डील को झटका लगा है। रिलायंस इंडस्ट्रीज और सऊदी अरामको ने अपनी डील रद्द करने का फैसला किया है। दोनों कंपनियां इस डील का पुनर्मूल्यांकन करेंगी। अरामको ( Saudi Aramco) को रिलायंस के ऑयल टु केमिकल ( O2C) बिजनेस में 20 फीसदी की हिस्सेदारी खरीदनी थी। खबर के बाद सोमवार को रिलांयस शेयर 4 प्रतिशत तक लुढ़क गए हैं।
रिलायंस ने शुक्रवार को देर रात एक बयान जारी कर कहा कि उसने NCLT में अपने ऑयल टु केमिकल बिजनेस को ग्रुप के दूसरे बिजनेस से अलग करने का जो आवेदन दिया था उसे वापस ले लिया गया है। यह फैसला रिलायंस के बिजनेस पोर्टफोलियो की नई उभरती प्रकृति को लेकर लिया गया है। दरअसल बदलते एनर्जी परिदृश्य को देखते हुए रिलायंस और अरामको ने इस सौदे को रद्द करने का फैसला किया है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने शुक्रवार को कहा कि दोनों कंपनियों ने भारतीय फर्म के नए ऊर्जा कारोबार में प्रवेश के मद्देनजर प्रस्तावित निवेश का पुनर्मूल्यांकन करने पर सहमति जताई है। हिस्सेदारी बिक्री के लिए बातचीत की खबर पहली बार अगस्त, 2019 में आधिकारिक तौर पर सामने आई थी। इस बीच, तीन वर्षों में रिलायंस ने वैकल्पिक ऊर्जा में 10 अरब डॉलर का निवेश करके नए ऊर्जा कारोबार में प्रवेश किया। इसके मद्देनजर इस सौदे का पुनर्मूल्यांकन किया जा रहा है।
1.11 लाख करोड़ की थी रिलायंस अरामको डील
रिलायंस ने 2019 में एक लेटर ऑफ इंटेट (LOI) पर दस्तख्त किए थे। इसके तहत अरामको को रिलायंस के ऑयल टु केमिकल बिजनेस में 20 फीसदी हिस्सेदारी खरीदनी थी। इसकी कुल कीमत 1.11 लाख करोड़ रुपये से अधिक थी। सऊदी अरामको भी हिस्सेदारी खरीदने के इस सौदे को आगे बढ़ाने के लिए काफी काम कर चुकी थी। इस बीच, रिलायंस ने अरामको के चेयरमैन यासिर ओटमन एच. अल-रुमायान को स्वतंत्र निदेशक बनाया था। हिस्सेदारी बिक्री के लिए बातचीत की खबर पहली बार अगस्त, 2019 में आधिकारिक तौर पर सामने आई थी।