नई दिल्ली। देश के सबसे अमीर उद्यमी मुकेश अंबानी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज में पिछले वित्त वर्ष में अपना वेतन-भत्ता व कमीशन 15 करोड़ रुपए के स्तर पर बनाए रखा। कंपनी से मिलने वाला उनका सालाना पारितोषिक लगातार 12वें साल स्थिर रहा। उन्होंने कोविड-19 महामारी से उत्पन्न संकट को देखते हुए अपना पारितोषिक नहीं लेने का निर्णय किया है। अंबानी ने अपना वेतन, अन्य सुविाधाएं, भत्ता और कमीशन 2008-09 से 15 करोड़ रुपए पर स्थिर रखा है। उन्होंने इस तरह हर साल अपने पारितोषिक में 24 करोड़ रुपए से अधिक का त्याग किया है।
एक तरफ अंबानी ने अपना वेतन स्थिर रखा है, जबकि दूसरी तरफ उनके रिश्तेदार निखिल और हितल मेसवानी समेत कंपनी के सभी पूर्णकालिक निदेशकों के वेतन में 31 मार्च 2019 को समाप्त वित्त वर्ष में अच्छी वृद्धि हुई है। कंपनी की सालाना रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में कोविड-19 महामारी और उसके समाजिक, आर्थिक और उद्योगों पर पड़ने वाले व्यापक असर को देखते हुए कंपनी के चेययरमैन और प्रबंध निदेशक मुकेश डी अंबानी ने स्वेच्छा से अपना वेतन नहीं लेने का निर्णय किया है।
रिपोर्ट के अनुसार कंपनी के निदेशक मंडल ने कोविड-19 संकट के समाप्त होने तक उनके वेतन नहीं लेने को निर्णय को रेखांकित किया है। अंबानी ने अप्रैल के अंत में अपना वेतन नहीं लेने का निर्णय किया। उसी समय कंपनी ने संकट के चलते कर्मचारियों के वेतन में 10 से 50 प्रतिशत तक की कटौता का फैसला किया। कंपनी ने 2019-20 की अपनी सालाना रिपोर्ट में कहा कि चेयरमैन और प्रबंध निदेशक ने 2008-09 से अपना वेतन 15 करोड़ रुपए पर स्थिर रखा है। इसके जरिये उन्होंने व्यक्तिगत तौर पर प्रबंधकीय क्षतिपूर्ति स्तर को संतुलित रखने का एक उदाहरण दिया है। और अब उन्होंने तबतक के लिए अपना वेतन नहीं लेने का निर्णय किया जबतक कंपनी अपनी क्षमता अनुसार कमाई के रास्ते पर नहीं लौट आती। कंपनी के अन्य कार्यकारी निदेशकों ने भी अपने पारितोषिक का 50 प्रतिशत ही लेने का निर्णय किया है।
अंबानी के पारितोषिक में 4.36 करोड़ रुपए वेतन और भत्ते शामिल हैं। यह 2018-19 में उन्हें मिले 4.45 करोड़ रुपए से थोड़ा कम है। उनका कमीशन 9.53 करोड़ रुपए पर स्थिर है, जबकि अन्य सुविधा 40 लाख रुपए से घटकर 31 लाख रुपए पर आ गई। उनका सेवानिवृत्ति लाभ 71 लाख रुपए था। अंबानी के रिश्तेदार निखिल आर मेसवानी और हितल आर मेसवानी का पारितोषिक बढ़कर सालाना 24 करोड़ रुपए हो गया, जो एक साल पहले 20.57 करोड़ रुपए सालाना था।
सऊदी अरामको के साथ सौदा पूरा करने की बन रही है रणनीति
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने कहा है कि वह सऊदी अरामको के साथ 15 अरब डॉलर के सौदे की विस्तृत रूपरेखा तय करने में लगी है। हालांकि कंपनी ने सौदा पूरा करने को लेकर कोई समयसीमा की जानकारी नहीं दी। दिग्गज उद्योगपति मुकेश अंबानी ने पिछले साल पेट्रोलियम तेल से लेकर पेट्रो रसायन बनाने तक के कारोबार में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी दुनिया के सबसे बड़े तेल निर्यातक को बेचने की घोषणा की थी। इसमें गुजरात के जामनगर में कंपनी की दो रिफाइनरी और पेट्रोरसायन संपत्तियां शमिल हैं। सौदा मार्च 2020 तक पूरा होना था लेकिन इसमें देरी हुई है।
अंबानी ने कंपनी की सालाना रिपोर्ट में कहा है कि रिलायंस, सऊदी अरामको के साथ रणनीतिक भागीदारी की रूपरेखा पर काम कर रही है। हालांकि उन्होंने सौदा पूरा होने की कोई समयसीमा नहीं बताई। उन्होंने कहा कि अरामको के साथ भागीदारी से कच्चे तेल के मामले में जामनगर रिफाइनरियों का दायरा बढ़ेगा। साथ ही तेल से रसायन बनाने के मामले में कच्चे माल की सुरक्षा बढ़ेगी। कंपनी ने यह भी कहा कि उसने ब्रिटेन की बीपी पीएलसी के साथ भारत में वाहन और विमान ईंधन कारोबार के लिए 51:49 के अनुपात में संयुक्त उद्यम इकाई बनाई है।
मुकेश अंबानी का वार्षिक पारितोषिक 12वें साल भी 15 करोड़ रुपए पर स्थिर