नई दिल्ली। ऊर्जा सेक्टर की बदलती प्राथमिकताओं को देखते हुए रिलायंस इंडस्ट्रीज नये ऊर्जा कारोबार में उतरने जा रही है। आज रिलायंस इंडस्ट्रीज की 44 वी एजीएम में चेयरमैन मुकेश अंबानी ने हरित ऊर्जा के क्षेत्र में बड़े स्तर पर कदम रखने की घोषणा की। उन्होंने सौर फोटोवोल्टिक सेल, हरित हाइड्रोजन, बिजली स्टोरज बैटरी और फ्यूल सेल की मैन्युफैक्चरिंग को लेकर अगले तीन साल में बड़ी क्षमता के चार विनिर्माण संयंत्र लगाने के लिये 75,000 करोड़ रुपये के निवेश का ऐलान किया।
1,00,000 मेगावाट सौर बिजली उत्पादन क्षमता के प्लांट होंगे स्थापित
कंपनी की 44वीं सालाना आम बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि रिलायंस 1,00,000 मेगावाट सौर बिजली उत्पादन क्षमता लगाएगी। अंबानी ने कहा, ‘‘हमने नये ऊर्जा परिवेश के लिये जरूरी सभी महत्वपूर्ण उपकरणों के विनिर्माण और एकीकरण को लेकर सौर फोटोवोल्टिक मोड्यूल प्लांट, ऊर्जा भंडारण बैटरी प्लांट, इलेक्ट्रोलाइजर प्लांट तथा फ्यूल सेल मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने की योजना बनायी है।’’ इन चारों मैन्युफैक्चरिंग प्लांट में कुल 60,000 करोड़ रुपये के निवेश किये जाएंगे। उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा, हम मूल्य श्रृंखला, भागीदारी और खोज एवं उत्पादन तथा परिष्करण एवं मार्केटिंग समेत भविष्य की प्रौद्योगिकियों में 15,000 करोड़ रुपये खर्च करेंगे।’’ उल्लेखनीय है कि पिछले साल मुकेश अंबानी ने कंपनी के लिए अगले 15 साल यानी 2035 तक शुद्ध रूप से शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य रखा था। उन्होंने कहा, ‘जीवाश्म (कोयला, पेट्रोल और डीजल) ईंधन से करीब तीन सदी तक आर्थिक वृद्धि को गति मिली। हम अब बहुत लंबे समय तक इसे जारी नहीं रख सकते।’’ अंबानी ने कहा, ‘‘वर्ष 2016 में हमने डिजिटल अंतर खत्म करने के लिये जियो पेश किया। अब 2021 में, हम नया ऊर्जा कारोबार शुरू करने जा रहे हैं। इसका लक्ष्य भारत और दुनिया में हरित ऊर्जा को लेकर अंतर को दूर करना है।’’
जुटाए 3.24 लाख करोड़ रुपये
वहीं मुकेश अंबानी ने जानकारी दी कि कंपनी की इकाइयों में हिस्सेदारी बिक्री, राइट्स इश्यू और एसेट मैनेटाइजेशन के जरिए 3.24 लाख करोड़ रुपये की पूंजी जुटाई गई है, जो एक रिकॉर्ड है। अंबानी ने शेयरधारकों को संबोधित करते हुए कहा कि कंपनी ने डिजिटल इकाई जियो प्लेटफॉर्म और रिटेल कारोबार में शेयर की बिक्री, राइट्स इश्यू और एसेट मोनेटाइजेशन के जरिए 3,24,432 करोड़ रुपये की पूंजी जुटाई। उन्होंने कहा, ‘‘आरआईएल ने 44.4 अरब अमेरिकी डॉलर जुटाए हैं, जो वैश्विक स्तर पर एक साल में किसी भी कंपनी द्वारा जुटाई गई अब तक की सबसे बड़ी पूंजीगत राशि है। यह वैश्विक निवेशकों द्वारा भारत की वृद्धि क्षमता में विश्वास को दर्शता है।’’
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