नई दिल्ली। अगर आप खुद का बिजनेस शुरू करने की सोच रहे हैं तो ये खबर आपके काम की है। मोदी सरकार लगातार छोटे कारोबारियों के लिए बड़े कदम उठा रही है। मोदी सरकार अब मुद्रा योजना के तहत बिजनेस शुरू करने के लिए बिना गारंटी 20 लाख रुपए तक लोन देगी। केंद्र सरकार ने संसद में बीते गुरुवार को इसकी जानकारी दी है।
RBI ने की 20 लाख रुपए लोन देने की सिफारिश
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी है। दरअसल, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) पर बनी रिजर्व बैंक (RBI) की विशेषज्ञों की समिति ने यह सिफारिश की है। RBI ने MSME के आर्थिक और वित्तीय स्थायित्व के लिए दीर्घावधि के समाधान के लिए 8 सदस्यीय समिति का गठन किया था। बता दें कि इससे पहले तक बिना गारंटी के मुद्रा योजना के तहत 10 लाख रुपए तक का लोन मिलता था।
इस समिति ने रिजर्व बैंक को अपनी रिपोर्ट दे दी है। रिपोर्ट में एमएसएमई और स्व सहायता समूहों के लिए 20 लाख रुपये तक लोन देने की सिफारिश की गई है। वहीं कमेटी ने मुद्रा लोन लिमिट को 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये करने की भी सिफारिश की है। जानकारों का कहना है कि देश की अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी हो गई है, जिससे रोजगार कम पैदा हो रहे हैं। इसलिए आरबीआई की समिति ने सभी हालातों को देखते हुए यह सुझाव दिया है।
क्या हैं मुद्रा लोन योजना?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुद्रा योजना की शुरुआत 2015 में की थी। इस योजना का उद्देश्य रेहड़ी-पटरी वाले से लेकर छोटे कारोबार को बिना किसी जमानत के लोन मुहैया कराना है। इसके तहत कोई भी व्यक्ति खुद का व्यापार शुरू करने के लिए बिना गारंटी के बैंकों से 10 लाख रुपए तक का लोन ले सकते थे। साथ ही इस लोन के लिए कोई प्रोसेसिंग चार्ज भी नहीं लिया जाता है। मुद्रा योजना में लोन चुकाने की अवधि को 5 साल तक बढ़ाया जा सकता है। बता दें कि लोन लेने वाले को एक मुद्रा कार्ड मिलता है, जिसकी मदद से कारोबारी जरूरत पर आने वाले खर्चों का पेमेंट उससे कर सकता है।
किसको कितना मिल सकता है लोन?
अभी तक मुद्रा योजना के तहत तीन तरह के लोन मिलते हैं। पहला शिशु लोन के तहत 50,000 रुपये तक के कर्ज दिए जाते हैं। दूसरा किशोर लोन के तहत 50,000 से 5 लाख रुपये तक के कर्ज दिए जाते हैं। तीसरा तरुण कर्ज के तहत 5 लाख से 10 लाख रुपये तक के कर्ज दिए जाते हैं। लेकिन अब इसकी सीमा बढ़ाकर 20 लाख रुपए तक कर दी गई है। ये लोन वाणिज्यिक (कमर्शियल) बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, छोटे फाइनेंस बैंकों, सहकारी बैंकों, माइक्रोफाइनेंस (सूक्ष्म-वित्त ) संस्थानों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों में आवेदन देकर पाया जा सकता है।
मार्च 2019 तक उद्योगों को 14.97 लाख करोड़ का लोन
गडकरी ने बताया कि देश में 22.83 लाख सूक्ष्म, लघु और मझोले उपक्रमों (MSME) ने मार्च 2018 से मार्च 2019 के बीच उद्योग विहार पोर्टल में खुद को पंजीकृत किया है। देश में मार्च 2019 तक उद्योगों को 14.97 लाख करोड़ का लोन बांटा जा चुका है। यह राशि मार्च 2017 में 10.7 लाख करोड़ रुपए थी।