नई दिल्ली। खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को कहा कि राज्य के स्वामित्व वाली एफसीआई को अगले 12 महीनों में मजबूत और आधुनिक बनाया जाएगा और साथ ही जोर दिया कि एमएसपी खरीद प्रणाली जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि खाद्यान्नों की खरीद और वितरण के लिए सरकार की नोडल एजेंसी भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) को अधिक कार्यकुशल, पारदर्शी और जवाबदेह बनना चाहिए, साथ ही साथ संस्था को कामकाज में सुधार के लिए आधुनिक तकनीकों और डेटा एनालिटिक्स का उपयोग करना चाहिए। गोयल ने एफसीआई के 57वें स्थापना दिवस को संबोधित करते हुए कहा कि संगठन को अगले 12 महीनों में और अधिक आधुनिक बनाया जाएगा ताकि यह किसानों और उपभोक्ताओं की बेहतर ढंग से सेवा कर सके।
उन्होंने भरोसा दिया कि न्यूनतम समर्थन प्रणाली (एमएसपी) पर खरीद जारी रहेगी और एफसीआई किसानों की सेवा के लिए प्रतिबद्ध है। गोयल ने कहा कि सरकार एफसीआई को किसानों, भारत के लोगों और हमारे ग्राहकों के लिए अधिक कुशल, पारदर्शी और जवाबदेह बनने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा, ‘‘किसान हमारे ग्राहक हैं और भारत के लोग हमारे ग्राहक हैं।’’ गोयल इस समय आंदोलन कर रही किसान यूनियनों के साथ बातचीत करने वाली मंत्रियों की टीम में हैं। उनके पास रेलवे और वाणिज्य विभाग भी है। एफसीआई में काम करने वालों की संख्या सात हजार के करीब है और उसके पूरे परिचालन के साथ करीब दो-ढाई लाख लोग जुड़े रहते हैं।
सरकार के द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक खरीफ मार्केटिंग सीजन में अब तक एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा मूल्य की धान खरीदी जा चुकी है और इससे करीब 77 लाख किसानों को फायदा मिला है। धान की खरीद में पिछले साल के मुकाबले 27 फीसदी से ज्यादा की बढ़त देखने को मिली है। इसके साथ ही 24 हजार करोड़ रुपये मूल्य से ज्यादा कपास की गांठों की खरीद की गई है। फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया राज्य एजेंसियों के साथ मिलकर एमएसपी पर खाद्यान्न की खरीद करती है। इसके साथ ही खाद्य सुरक्षा के लिए बफर स्टॉक बनाना और सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत देश भर में खाद्यान्न का वितरण की जिम्मेदारी भी एफसीआई के पास है।