नई दिल्ली। सरकार ने चालू खरीफ विपणन सत्र में अभी तक न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर 1,07,572 करोड़ रुपये मूल्य का करीब पांच करोड़ 70 लाख टन धान खरीदा है। तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की विभिन्न सीमा पर किसानों के विरोध प्रदर्शन के बीच यह खरीद की गई है। खरीफ विपणन सत्र अक्टूबर से शुरू होता है। एक सरकारी बयान में मंगलवार को कहा गया है, ‘‘चालू खरीफ विपणन सत्र 2020-21 में, सरकार के द्वारा मौजूदा एमएसपी योजना के अनुरूप किसानों से खरीफ 2020-21 फसलों की खरीद जारी है।’’ सरकार ने 18 जनवरी तक 569.76 लाख टन धान खरीदा है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में 460.10 लाख टन धान खरीद से लगभग 24 प्रतिशत अधिक है।
बयान में कहा गया है, ‘‘लगभग 80.35 लाख किसान, पहले से ही 107572.36 करोड़ रुपये के एमएसपी मूल्य के साथ चल रहे केएमएस खरीद कार्यों से लाभान्वित हो चुके हैं।’’ देश में 569.76 लाख टन धान की कुल खरीद में से, पंजाब ने अकेले 202.77 लाख टन का योगदान दिया है। इसके बाद हरियाणा, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ का हिस्सा है।
इसके साथ ही सरकार ने नोडल एजेंसी के जरिए 1619 करोड़ रुपये मूल्य की 2.97 लाख टन मूंग, उड़द, तूर आदि की खरीद की है। इससे तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा और राजस्थान के 1.59 लाख किसानों को फायदा मिला है। वहीं सीजन में कपास की भी खरीद जारी है। सरकार ने अब तक एमएसपी पर 24866 करोड़ रुपये मूल्य की 85 लाख बेल्स खरीदी हैं। सरकार के मुताबिक इससे पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और कर्नाटक के 17 लाख से ज्यादा किसानों को फायदा मिला है। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) खाद्यान्नों की खरीद और वितरण के लिए नोडल एजेंसी है, सरकार की तरफ से एफसीआई एमएसपी पर खाद्यान्न की खरीद करती है। इसके साथ ही इसका भंडारण और सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत वितरण भी एफसीआई की जिम्मेदारी है।