नई दिल्ली। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को कहा कि घरेलू अगरबत्ती उद्योग को बचाने और इसे वैश्विक प्रतिस्पर्धा में आगे लाने के लिए सरकार ने चीन और वियतनाम से आयात होने वाली कच्ची अगरबत्ती पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है और अगरबत्ती के लिए गोल बांस की लकड़ी पर आयात शुल्क में भारी वृद्धि की है। गडकरी ने कहा कि इन दोनों फैसलों का मुख्य उद्देश्य चीन और वियतनाम से बड़ी मात्रा में आयात होने वाली अगरबत्ती और बांस की छड़ों पर रोक लगाना है, जो भारतीय अगरबत्ती उद्योग को बर्बाद कर रहे हैं।
वर्तमान में भारत में इनसेंस स्टिक की मांग 1490 टन प्रति टन है, जबकि भारत में स्थानीय स्तर पर केवल 760 टन प्रति दिन का ही उत्पादन होता है। मांग और आपूर्ति में इतने बड़े अंतर के कारण कच्ची अगरबत्ती का भारी मात्रा में आयात हो रहा है। 2009 में कच्ची अगरबत्ती का आयात केवल 2 प्रतिशत था, जो 2019 में बढ़कर 80 प्रतिशत पर पहुंच गया।
गडकरी ने कहा कि उनकी सरकार देश में अगरबत्ती उद्योग को बढ़ाने और इसका निर्यात कैसे बढ़े इस पर भरपूर ध्यान दे रही है। केंद्रीय मंत्री ने गुरुवार को असम में एक बड़ी बांस अगरबत्ती विनिर्माण इकाई का उद्घाटन किया। 10 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित अगरबत्ती स्टिक इकाई में प्रत्यक्ष रूप से 350 लोगों को रोजगार मिलेगा, जबकि 300 से अधिक लोगों के लिए अप्रत्यक्ष तौर पर रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
गडकरी ने कहा कि महाराष्ट्र के वर्धा में सिंधी (रेलवे) ड्रायपोर्ट को रेल और सड़क मार्ग (समृद्धी महामार्ग) से जोड़ा गया है। इसके माध्यम से नागपुर को लॉजिस्टिक कैपिटल बनाने कि शुरुआत हो चुकी है। उन्होंने कहा कि यदि एमआईडीसी इस पोर्ट के आसपास इंडस्ट्रियल एरिया डेवलप करेगी तो यह निर्यात का एक बड़ा केंद्र बन जाएगा। यहां 50 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा।
इस पोर्ट के माध्यम से नागपुर से दुनिया के किसी भी कोने में माल भेजा जा सकेगा। विदर्भ के फल और सब्जियों को देश से बाहर भेजा जा सकेगा, प्रॉन्स और फिशिंग का एक्सपोर्ट भी इस माध्यम से बढ़ेगा। गडकरी ने कहा कि सरकार देशभर में 35 लॉजिस्टिक पार्क का निर्माण कर रही है, जिसमें कुल 2 लाख करोड़ रुपये का निवेश होगा।
नितिन गडकरी ने कहा कि वो जल्द ही दिल्ली में हाइड्रोजन से चलने वाली कार को पेश करने वाले हैं। अगले 15 दिनो मे वो दिल्ली मे इसकी ट्रायल करेंगे। पेट्रोल डीजल की रिकॉर्ड कीमत पर उन्होंने कहा कि ईंधन की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार से जुड़ी हुई हैं, इसलिए इसमें सरकार कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए इथेनॉल, मेथेनॉल का उत्पादन किसानों को स्वयं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मेरी इच्छा है कि इस देश में सभी पेट्रोल पंप बंद कर दिए जाएं।
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