नई दिल्ली। अरबपति आभूषण डिजाइनर नीरव मोदी का संकट और बढ़ता दिख रहा है। आयकर विभाग ने कर चोरी जांच के सिलसिले में अस्थायी रूप से हीरा कारोबारी और उसके परिवार की 29 संपत्तियां और 105 बैंक खातों को कुर्क कर लिया है। इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 15 फरवरी को 5,100 करोड़ रुपए मूल्य के हीरे, आभूषण और सोना जब्त किया था। इसके बाद 16 फरवरी को सीबीआई ने नई एफआईआर दर्ज करने के बाद 6 शहरों में 26 स्थानों पर गीतांजलि समूह की 18 भारतीय अनुषंगियों के ठिकानों पर छापा मारकर 549 करोड़ रुपए के बहुमूल्य रत्न जब्त करने का दावा किया था।
इसके अलावा आयकर विभाग ने विदेश में गैरकानूनी संपत्तियां रखने के लिए नीरव मोदी के खिलाफ नए कालाधन रोधक कानून के तहत मामला भी दर्ज किया है। समझा जाता है कि उसकी यह संपत्ति सिंगापुर में है। कालाधन (अघोषित विदेशी आय एवं संपत्ति) और करारोपण कानून 2015ए विदेश में गैरकानूनी संपत्तियों से संबंधित है। अभी तक इस तरह के मामलों की जांच आयकर कानून, 1961 के तहत होती थी।
नए कानून के तहत अघोषित विदेशी संपत्ति और आय पर 120 प्रतिशत का भारी भरकम जुर्माना लगाने का प्रावधान है। इसमें दस साल जेल की सजा भी हो सकती है। कर अधिकारियों ने मुंबई में एक विशेष अदालत के समक्ष मोदी के खिलाफ आयकर कानून की धारा 276 सी (1) (जानबूझकर कर चोरी), 277 ए (सत्यापन में गलत बयान), 278 बी (कंपनियों द्वारा अपराध) और 278-ई के तहत मामला दर्ज किया है। कर अधिकारियों ने नीरव मोदी, उसकी पत्नी एमी और उसकी मुंबई, सूरत, जयपुर और दिल्ली की अचल संपत्तियों पर कुर्की का नोटिस भी चस्पा कर दिया है।