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‘मेक इन इंडिया’की शर्तों के कारण 40,000 करोड़ रुपये के ठेके हो चुके हैं रद्द

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अनुसार प्रतिबंधात्मक शर्तों के कारण 40,000 करोड़ रुपये की निविदाएं या तो संशोधित की गईं या उन्हें रद्द कर दिया गया

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: December 26, 2020 12:45 IST
Make In India- India TV Paisa
Photo:FILE

Make In India

नयी दिल्ली। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अनुसार प्रतिबंधात्मक शर्तों के कारण 40,000 करोड़ रुपये की निविदाएं या तो संशोधित की गईं या उन्हें रद्द कर दिया गया, ताकि सरकारी खरीद में ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा दिया जा सके। मंत्रालय ने शुक्रवार को 2020 की अपनी उपलब्धियां जारी करते हुए कहा कि 500 जिलों में निर्यात की क्षमता वाले खास उत्पादों की पहचान की गई है। 

मंत्रालय ने यह भी कहा कि इस दौरान घटिया गुणवत्ता और नुकसानदेह उत्पादों को बाजार में रोकने के लिए भी जरूरी कदम उठाए गए। मंत्रालय ने आगे कहा, ‘‘विभेदात्मक और प्रतिबंधात्मक शर्तों के कारण 40,000 करोड़ रुपये के ठेके रद्द या संशोधित किए गए।’’ बयान में कहा गया कि 2020 में स्टार्टअप के 4,905 पेटेंट आवेदनों के लिए 80 प्रतिशत छूट दी गई, जबकि 12,264 ट्रेडमार्क आवेदनों के लिए शुल्क में 50 प्रतिशत छूट दी गयी। 

डिश टीवी को 4,164 करोड़ का नोटिस 

डिश टीवी ने शुक्रवार को कहा कि उसे सरकार से लाइसेंस शुल्क और ब्याज के तौर पर 4,164.05 करोड़ रुपये के भुगतान के लिए नोटिस मिला है। कंपनी ने शेयर बाजार को बताया कि सूचना और प्रसारण मंत्रालय (एमआईबी) ने 24 दिसंबर, 2020 के पत्र में एस्सल समूह की कंपनी से कहा कि वह डायरेक्ट टू होम (डीटीएच) लाइसेंस जारी किए जाने से लेकर वित्त वर्ष 2018-19 तक लाइसेंस शुल्क के रूप में उक्त राशि चुकाए। कंपनी ने बताया कि एमआईबी ने उसे निर्देश दिया है कि वह 15 दिनों के भीतर कुल 4,164.05 करोड़ रुपये चुकाए। इस धनराशि में लाइसेंस शुल्क और ब्याज शामिल है। कंपनी ने कहा कि वह अगले कदम के लिए एमआईबी के आदेश का अध्ययन कर रही है। डिश टीवी को अक्टूबर 2003 में डीटीएच लाइसेंस मिला था। 

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