नई दिल्ली। अमेरिका और चीन समेत 50 से ज्यादा देशों ने पिछले तीन सालों में किसानों पर 585 अरब डॉलर वार्षिक आधार पर खर्च किए और इसका अधिकांश हिस्सा बाजार मूल्य समर्थन पर व्यय किया गया। जारी हुए एक ताजा रिपोर्ट में कहा गया कि आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन OECD देशों का संपूर्ण तौर पर खेती पर खर्च पिछले 30 सालों में घटकर करीब आधा रह गया है और अब यह कृषि से सकल प्राप्तियों के 17 प्रतिशत के स्तर पर आ गया है।
पेरिस आधारित शोध समूह OECD ने अपनी कृषि नीति निगरानी एवं विश्लेषण-2016 में कहा है कि इस रिपोर्ट में शामिल सभी देशों ने 2013-15 में कुल मिलाकर वार्षिक आधार पर औसतन 585 अरब डॉलर सीधे अपने किसानों पर खर्च किए। इसके अलावा इस क्षेत्र को आम सेवाएं देने के लिए अतिरिक्त 87 अरब डॉलर खर्च किया। रिपोर्ट के अनुसार इस खर्च का औसतन 68 प्रतिशत हिस्सा किसानों को बाजार मूल्य समर्थन के तौर पर दिया गया।
भारत में सरकार की 5,000 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से देश भर में 250 स्मॉल एग्रो-प्रोसेसिंग क्लस्टर्स स्थापित करने की योजना है। जरूरी मंजूरियां प्राप्त होने के बाद मिनिस्ट्री ऑफ फूड प्रोसेसिंग इस बारे में सरकारी और प्राइवेट कंपनियों से अभिरुचि पत्र आमंत्रित करेगा। फूड प्रोसेसिंग मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने हाल में कहा, हम फल अथवा सब्जी विशेष के उत्पादक क्षेत्र के निकट प्रोसेसिंग क्लस्टर्स स्थापित करने की ओर ध्यान दे रहे हैं। इसलिए, अगर कोई प्याज के लिए यूनिट स्थापित करना चाहता है तो वह ऐसा कर सकता है और सरकार हर क्लस्टर के लिए पांच करोड़ रुपए की सब्सिडी प्रदान करेगी।
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