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कोरोना वायरस से लड़ने के लिये भारत में और वित्तीय प्रोत्साहनों की जरूरत: S&P

S&P का अनुमान है कि महामारी पर जल्द नियंत्रण से भारत में अगले साल तेज ग्रोथ संभव

Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: May 05, 2020 22:32 IST
Lockdown 3.0- India TV Paisa

Lockdown 3.0

नई दिल्ली। वैश्विक रेटिंग एजेंसी एस एण्ड पी ने मंगलवार को कहा कि कमजोर वित्तीय स्थिति के बावजूद भारत में कोरोना वायरस महामारी से लड़ने के लिये और वित्तीय प्रोत्साहन के उपायों की जरूरत है। एस एण्ड पी ने एक रिपोर्ट में कहा है कि समाज के वंचित तबके को समर्थन देने के लिये और लॉकडाउन के कारण अर्थव्यवस्था को और ज्यादा ढांचागत नुकसान होने से बचाने के लिये इन प्रोत्साहन उपायों की जरूरत है। लॉकडाउन के कारण अर्थव्यवस्था में गतिविधियां अचानक रुक गईं। सरकार ने इससे पहले मार्च में गरीबों को मदद के लिये 1.7 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की है। इस पैकेज के तहत गरीबों को मुफ्त खाद्यान्न और ईंधन उपलब्ध कराने की सुविधा दी गई है। इसके अलावा बुजुर्गों, महिलाओं और किसानों के हाथ में नकद धनराशि पहुंचाने की भी व्यवस्था की गई है।

उद्योग क्षेत्र पर नजर रखने वाले कई लोगों का कहना है कि पैकेज बहुत कम है जबकि कुछ अन्य ने इसके लिये सरकार का समर्थन किया है कि कोविड- 19 का प्रभाव कब तक रहेगा इसके बारे में कोई नहीं जानता है ऐसे में सरकार ने पैकेज एकदम पहले जारी नहीं किया यह सही सोच पर आधारित है। एस एण्ड पी ने कहा है हमारे विचार में भारत सरकार अतिरिक्त वित्तीय प्रोत्साहन उपायों की पेशकश करेगी। यह पेशकश अब तक किये गये प्रयासों के मुकाबले अधिक व्यापक होगी। एस एण्ड पी का कहना है कि यदि यह मान लिया जाये की महामारी को नियंत्रित कर लिया जाता है और वैश्विक आर्थिक स्थितियों में उल्लेखनीय सुधार आता है तो भारत 2021- 22 में तेज आर्थिक बढ़त हासिल करेगा।

हालांकि एजेंसी ने कहा है कि यदि भारत की घरेलू अर्थव्यवस्था को होने वाला नुकसान कम नहीं किया गया तो इसका अर्थव्यवस्था की स्थिति में सुधार पर असर होगा जिसके परिणामस्वरूप भारतीय बैंकों और सावरेन पर दबाव बढ़ेगा।

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