नई दिल्ली। भारत सरकार ग्रोथ को बढ़ाने वाले और आर्थिक तथा संस्थागत सुधारों को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाती रही तो वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज इनवेस्टर्स सर्विस रेटिंग बढ़ाने पर विचार कर सकती है। मूडीज इनवेस्टर्स सर्विस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (सोवरेन रिस्क ग्रुप) मैरी डिरोन ने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में एफडीआई के लिए सीमा बढ़ाए जाने जैसी नीतियां और मौद्रिक नीति मसौदे में बदलाव भरोसे को बढ़ाता है और यह सब स्थिर आर्थिक माहौल में योगदान देगा।
डिरोन ने कहा, भारत के नीति निर्माता अगर वृद्धि को बढ़ावा देने और वृद्धि को स्थिर करने वाले आर्थिक एवं संस्थागत सुधारों में सफल होते हैं तो इससे रेटिंग को उन्नत बनाने पर विचार किया जाएगा। मूडीज ने पिछले साल अप्रैल में सुधार गति का हवाला देते हुए भारत के साख परिदृश्य को स्थिर से बदलकर सकारात्मक कर दिया। साथ ही यह भी कहा कि वह अगले एक से डेढ़ साल में रेटिंग को उन्नत बनाने पर विचार कर सकती है। मूडीज की भारत के लिये रेटिंग बीएए 3 है जो निम्न निवेश स्तर का है और कबाड़ के दर्जे से केवल एक पायदान उंचा है।
रेटिंग नीतियों पर निर्भर करेगी न कि व्यक्ति विशेष पर: फिच
रेटिंग एजेंसी फिच का कहना है कि भारत की रेटिंग उसकी नीतियों पर निर्भर करेगी न कि किसी व्यक्ति विशेष पर। फिच का यह बयान ऐसे समय में आया है जबकि सरकार ने उर्जित पटेल को पदोन्नत कर भारतीय रिजर्व बैंक का गवर्नर बनाने की घोषणा की है। फिच रेटिंग्स के निदेशक थामस रूकमाकर ने कहा,किसी केंद्रीय बैंक के गवर्नर को मुद्रास्फीति पर काबू पाने के लिए व बैंकिंग क्षेत्र की सफाई में सफल होने के लिए रॉकस्टार होना जरूरी नहीं है। अमेरिकी रेटिंग एजेंसी मूडीज व फिच ने यह भी कहा कि पटेल को रिजर्व बैंक का गवर्नर बनाया जाना इस बात का संकेत है कि नीतियों में निरंतरता जारी रहेगी।