नई दिल्ली। मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने भारतीय बैंकिंग सिस्टम के लिये आउटलुक में सुधार किया है। मूडीज ने मंगलवार को भारतीय बैंकिंग प्रणाली के लिए आउटलुक को 'नकारात्मक' से 'स्थिर' कर दिया है। रेटिंग एजेंसी ने यह कदम महामारी की शुरुआत के बाद से संपत्ति की गुणवत्ता में मामूली गिरावट और आर्थिक रिकवरी के साथ कर्ज बांटने की रफ्तार में तेजी आने की संभावना को देखते हुए उठाया है।
क्या है रेटिंग एजेंसी का अनुमान
मूडीज को उम्मीद है कि अगले 12-18 महीनों में भारत की अर्थव्यवस्था में सुधार जारी रहेगा और मार्च, 2022 में समाप्त होने वाले वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 9.3 प्रतिशत और उसके अगले वर्ष 7.9 प्रतिशत की वृद्धि होगी। मूडीज ने अपनी 'बैंकिंग सिस्टम आउटलुक - भारत’ रिपोर्ट में कहा, "आर्थिक गतिविधियों में तेजी से कर्ज वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा। यह वृद्धि हमें सालाना 10-13 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। कमजोर कॉरपोरेट वित्तीय स्थिति और वित्तीय कंपनियों में वित्त पोषण की कमी बैंकों के लिए प्रमुख नकारात्मक कारक रहे हैं लेकिन ये जोखिम कम हो गए हैं।" इसमें कहा गया कि कॉरपोरेट ऋणों की गुणवत्ता में सुधार हुआ है जो यह दर्शाता है कि बैंकों ने इस वर्ग में पुरानी समस्याओं वाले सभी कर्जों को मान्यता दी है और उन्हें लेकर प्रावधान किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, खुदरा ऋणों की गुणवत्ता में गिरावट आयी है, लेकिन यह एक सीमा तक हुआ है क्योंकि व्यापक रूप से नौकरियां छूटने की समस्या नहीं देखी गयी है। मूडीज ने कहा, "हमने भारतीय बैंकिंग प्रणाली के लिए दृष्टिकोण में बदलाव करते हुए उसे नकारात्मक से स्थिर कर दिया है। महामारी का प्रकोप शुरू होने के बाद से संपत्ति की गुणवत्ता में मामूली गिरावट आयी है और संचालन के सुधरते माहौल से संपत्ति गुणवत्ता में मदद मिलेगी। संपत्ति गुणवत्ता में सुधार से ऋण की लागत में कमी के साथ लाभप्रदता में सुधार होगा।"