नई दिल्ली। मूडीज इनवेस्टर्स सर्विस ने 1 जून को भारत की रेटिंग को बीएए2 से घटाकर बीएए3 कर दिया है और भारत के लिए अपने परिदृश्य को भी स्थिर से बदलकर नकारात्मक कर दिया है।
मूडीज ने भारत की स्थानीय-मुद्रा सीनियर असुरक्षित रेटिंग को बीएए2 से घटाकर बीएए3 और इसके शॉर्ट-टर्म लोकल-करेंसी रेटिंग को पी-2 से घटाकर पी-3 कर दिया है। मूडीज ने भारत के लिए अपने परिदृश्य को भी स्थिर से घटाकर नकारात्मक कर दिया है।
मूडीज ने अपने एक बयान में कहा है कि भारत की रेटिंग को कम करने का निर्णय मूडीज के उस विचार को दर्शाता है कि देश के नीति निर्धारण संस्थाओं को उन नीतियों को लागू करने और उसके आगे चुनौती होगी, जो प्रभावी रूप से निरंतर अवधि के जोखिमों को कम करने में मददगार है।
मूडीज रेटिंग ने अन्य एजेंसियों जैसे एसएंडपी और फिच के अनुरूप ही भारत की रेटिंग को कम किया है। मूडीज ने इस बात का विशेष उल्लेख किया है कि रेडिंग घटाना पूरी तरह से कोविड-19 प्रकोप के विनाशकारी प्रभाव से प्रेरित नहीं था, इसके पीछे और भी कई कारक थे।
एजेंसी ने कहा है कि नीति निर्माताओं के समक्ष आने वाले समय में निम्न आर्थिक वृद्धि, बिगड़ती वित्तीय स्थिति और वित्तीय क्षेत्र के दबाव जोखिम को कम करने की चुनौतियां खड़ी होंगी। मूडीज़ का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में चार प्रतिशत तक गिरावट आ सकती है।भारत के मामले में पिछले चार दशक से अधिक समय में यह पहला मौका होगा जब पूरे साल के आंकड़ों में जीडीपी में गिरावट आएगी। इसी अनुमान के चलते मूडीज़ ने भारत की सरकारी साख रेटिंग को बीएए2 से एक पायदान नीचे कर बीएए3 कर दिया। इसके मुताबिक भारत के विदेशी मुद्रा और स्थानीय मुद्रा की दीर्घकालिक इश्युअर रेटिंग को बीएए2 से घटाकर बीएए3 पर ला दिया गया है। बीएए3 सबसे निचली निवेश ग्रेड वाली रेटिंग है। इसके नीचे कबाड़ वाली रेटिंग ही बचती है।