नई दिल्ली। दूसरा दीर्घावधि (एलपीए) का अनुमान जारी करते हुए भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने आज कहा कि 96 फीसदी इस बात की संभावना है कि इस साल सामान्य या अत्यधिक बारिश होगी। आईएमडी ने कम मानसून की संभावना से इंकार कर दिया है। आईएमडी ने कहा, एक हफ्ते की देरी से अगले 4-5 दिनों में (7 जून के आसपास) मानसून केरल में दस्तक देगा। आमतौर पर मानसून 1 जून को केरल के तटों पर पहुंच जाता है। हालांकि मौसम विभाग ने कहा कि मानसून में देरी का असर कुल वर्षा पर नहीं पड़ेगा।
मौसम विभाग के महानिदेशक लक्ष्मण सिंह राठौर ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र को छोड़ बाकी पूरे देश में सामान्य या उससे अधिक बारिश होगी। पश्चिमोत्तर भारत में दीर्घकालिक औसत का 108 फीसदी बारिश होगी जबकि मध्य भारत और दक्षिणी प्रायद्वीप में एलपीए की 113 फीसदी बारिश होगी। पूर्वोत्तर क्षेत्र में 94 फीसदी बारिश होगी जो सामान्य से कम है। एलपीए के 90 फीसदी से कम वर्षा को कम मानसून और एलपीए के 90-96 फीसदी को निम्न मानसून माना जाता है। अगर एलपीए के 96 से 104 फीसदी के बीच वर्षा होती है तो इसे सामान्य मॉनसून माना जाता है और 110 फीसदी से ऊपर को अत्यधिक मानसून माना जाता है।
कृषि भारत के जीडीपी में 15 फीसदी योगदान देता है और इसपर देश की 60 फीसदी आबादी आजीविका के लिए निर्भर है। देश की कृषि काफी हद तक मॉनसून पर निर्भर है क्योंकि सिर्फ 40 फीसदी कृषि योग्य भूमि सिंचाई के तहत है। साल 2015-16 के फसल वर्ष (जुलाई-जून) में खराब मानसून की वजह से 10 राज्यों मैं सूखा घोषित किया गया है और केंद्र ने किसानों की मदद के लिए तकरीबन 10 हजार करोड़ रुपए स्वीकृत किए हैं।