नई दिल्ली। लंबे इंतजार के बाद आखिरकार मानसून ने केरल के तट पर दस्तक दे दी है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने आज दक्षिण पश्चिमी मानसून केरल पहुंचने की घोषणा की है। आईएमडी ने कहा कि पिछले कई दिनों से दक्षिण भारत के राज्यों में जोरदार बारिश हो रही है और 15 जुलाई तक देश के सभी हिस्सो में मानसून पहुंचने की उमीद है। मौसम विभाग ने 4 महीने (जून-सितंबर) रहने वाले मानसून सीजन के दौरान देश में सामान्य के मुकाबले 108 फीसदी बारिश का अनुमान लगाया है। इस साल मानसून करीब एक हफ्ते की देरी से पहुंचा है। आमतौर पर मानसून एक जून को केरल पहुंच जाता है।
15 जुलाई तक देश के सभी हिस्सो में पहुंच जाएगा मानसून
मौसम विभाग के मुताबिक केरल में दक्षिण पश्चिमी मानसून के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं। अगले दो दिन में मानसून कर्नाटक और चार दिन में महाराष्ट्र पहुंचने का अनुमान है। आईएमडी ने कहा 15 जुलाई तक देश के सभी हिस्सो में मानसून की बारिश होने लगेगी। वहीं पश्चिम बंगाल, सिक्किम, तटीय आंध्र प्रदेश में कई जगहों पर और छत्तीसगढ़, असम मेघालय, केरल में भी कुछ जगहों पर गरज के साथ बारिश के छींटे पड़े हैं। इसके अलावा आईएमडी ने कहा, ‘साउथवेस्ट मानसून दक्षिणी अरब सागर, मालदीव, कोमोरिन एरिया और बंगाल की खाड़ी के साउथवेस्ट इलाकों में पहले ही पहुंच चुका है।’
तस्वीरों में देखिए सूखे का हाल
Drought in maharashtra
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सामान्य के मुकाबले 108 फीसदी होगी बारिश
दूसरा दीर्घावधि (एलपीए) का अनुमान जारी करते हुए (आईएमडी) ने कहा कि 96 फीसदी इस बात की संभावना है कि इस साल सामान्य या अत्यधिक बारिश होगी। आईएमडी ने कम मानसून की संभावना से इंकार कर दिया है। मौसम विभाग के महानिदेशक लक्ष्मण सिंह राठौर ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र को छोड़ बाकी पूरे देश में सामान्य या उससे अधिक बारिश होगी। पश्चिमोत्तर भारत में दीर्घकालिक औसत का 108 फीसदी बारिश होगी जबकि मध्य भारत और दक्षिणी प्रायद्वीप में एलपीए की 113 फीसदी बारिश होगी। पूर्वोत्तर क्षेत्र में 94 फीसदी बारिश होगी जो सामान्य से कम है। एलपीए के 90 फीसदी से कम वर्षा को कम मानसून और एलपीए के 90-96 फीसदी को निम्न मानसून माना जाता है। अगर एलपीए के 96 से 104 फीसदी के बीच वर्षा होती है तो इसे सामान्य मॉनसून माना जाता है और 110 फीसदी से ऊपर को अत्यधिक मानसून माना जाता है।
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