नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय ने नीतिगत ब्याज दर निर्धारण करने वाली मौद्रिक नीति समिति के परिचालन में लाने की दिशा में कदम उठाया है। कुछ सप्ताह के भीतर नियमों को अधिसूचित करेगा और उसके बाद तीन सरकारी प्रतिनिधियों की नियुक्ति करेगा। आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने कहा, हम पहले से (नियमों पर) काम कर रहे हैं। मुझे लगता है कि इसमें कुछ सप्ताह से अधिक समय नहीं लगना चाहिए। मैं कहूंगा मामला अब कुछ सप्ताह का है।
छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) गठित करने के मामले में हुई प्रगति के बारे में जवाब दे रहे थे। समिति मानक ब्याज दरों का निर्धारण करेगी। फिलहाल नीतिगत दरों का निर्धारण के बारे में निर्णय रिजर्व बैक गर्वनर करते हैं। दास ने यह भी कहा कि रिजर्व बैंक कानून में संशोधन पहले ही अधिसूचित किये जा चुके हैं। उन्होंने कहा, नियमों के अधिसूचित होने के साथ सरकार अपनी तरफ से तीन नामों का चयन करेगी। शेष तीन सदस्य रिजर्व बैंक से होंगे। रिजर्व बैंक के गवर्नर पदेन अध्यक्ष होंगे। रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर और मौद्रिक नीति प्रभारी सदस्य होंगे। इसके अलावा केंद्रीय बैंक के कार्यकारी निदेशक भी इसके सदस्य होंगे। प्रत्येक सदस्य का एक वोट होगा और बराबरी होने पर गवर्नर को वोट देना होगा।
फिलहाल गवर्नर के पास रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति पर समिति की सिफारिशों को स्वीकार करने या इनकार करने की शक्ति है। एमपीसी के सदस्यों की नियुक्ति चार साल के लिये होगी और उनकी दोबारा नियुक्ति नहीं होगी। मुद्रास्फीति लक्ष्य का निर्धारण रिजर्व बैंक की सलाह से होगा और राजपत्र में अधिसूचित किया जाएगा। नीतिगत दरों का निर्धारण मुद्रास्फीति लक्ष्य को ध्यान में रखकर किया जाएगा। समिति की एक साल में कम-से-कम चार बैठकें होंगी और सरकार अगर जरूरी मानती है तो अपने विचार लिखित में समिति को समय-समय पर दे सकती है।