नई दिल्ली। नेशनल ई-एग्रीकल्चर मार्किट आज से प्रायोगिक आधार पर शुरू किया जा रहा है। शुरू में इसमें उत्तर प्रदेश सहित आठ राज्यों के किसान 21 थोक बाजारों में 25 कमोडिटी की ऑनलाइन बिक्री कर सकेंगे। इससे उन्हें इस व्यापक मंच के माध्यम से अपने उत्पाद का बेहतर मूल्य मिलने की संभावना है। मार्च 2018 तक इसमें देश भर की कुल 585 थोक कृषि उत्पाद मंडियों को राष्ट्रीय ई.कृषि बाजार (एनएएम) से जोड़ने का लक्ष्य है। इसके बाद केन्द्र सरकार कर सहित अन्य संबंधित मुद्दों को सुलझा लेने के बाद इसके जरिए कृषि जिंसों की अंतर-राज्यीय बिक्री की अनुमति दे देगी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बाबा भीमराव अंबेडकर की 125वीं जयंती के मौके पर आज दिल्ली से इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली के जरिए एनएमएम पोर्टल का उद्घाटन करेंगे। इसके साथ साथ आठ राज्यों-उत्तर प्रदेश, गुजरात, तेलंगाना, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा, झारखंड और हिमाचल प्रदेश की 21 थोक बिक्री मंडियों में ई.पोर्टल का उद्घाटन प्रदेश के गणमान्य व्यक्ति के द्वारा किया जाएगा।
एनएएम के बारे में संवाददाताओं को बताते हुए कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने कहा, हमें 12 राज्यों से 365 मंडियों इस मंच से जोड़ने के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। प्रारंभ में प्रयोग के तौर पर 21 मंडियों को इस मंच में जोड़ने के लिए चुना गया है। राधा मोहन सिंह ने कहा कि ऑनलाईन कारोबार के लिए प्याज, आलू, सेब, गेहूं, दलहन, मोटे अनाज और कपास के अलावा कई अन्य चीजों सहित 25 जिन्सों की पहचान की गई है। प्रयोग के तौर पर उत्तर प्रदेश में सुल्तानपुर, लखीमपुर, ललितपुर, बहराईच, सहारनपुर और मथुरा जैसी छह मंडियों को गेहूं के व्यापार के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोड़ा गया है। किसान इनमें से ऐसे किसी भी बाजार में अपने उत्पाद को बेच सकते हैं जिस बाजार में उन्हें अधिक पैसे मिलते हों।