नई दिल्ली। महंगाई को काबू में रखने का संकल्प जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने महंगाई पर अंकुश लगाया है। हमारा प्रयास है कि गरीबों की थाली महंगी न हो। लाल किले की प्राचीर से अपने तीसरे स्वतंत्रता दिवस संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछली सरकार की तुलना में इस समय महंगाई कम हुई है। उन्होंने रिजर्व बैंक के साथ मौद्रिक नीति मसौदे के तहत अगले पांच साल के लिए दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार फीसदी मुद्रास्फीति लक्ष्य का समर्थन किया। मोदी ने कहा, पूर्व सरकार के समय के दौरान महंगाई दर 10 फीसदी से पार कर गई थी। हमारे निरंतर प्रयासों से महंगाई दर छह फीसदी से ऊपर नहीं गई है।
प्रधानमंत्री ने माना कि इस समय सब्जियों की कीमतें कुछ चढ़ी हुई हैं। पर इसके कारण में जाते हुए उन्होंने इस तेजी के लिए लगातार दो साल सूखे को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि सूखे के कारण आपूर्ति प्रभावित होने से सब्जी की कीमतों में कुछ तेजी आई है लेकिन इसे काबू में रखने के लिये प्रयास किए गए हैं। उन्होंने कहा, मैं निरंतर यह प्रयास करूंगा कि गरीबों की थाली महंगी नहीं हो। इस साल दाल की कीमतों में तेजी का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस वर्ष दलहन की बुवाई 1.5 गुना हुई है। उन्होंने कहा, अच्छे मानसून और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तथा किसानों को बोनस जैसे कदमों के साथ-साथ उपलब्धता बढ़ने से कीमत के मोर्चे पर हालात बेहतर होंगे।
पीएम ने कहा कि इस साल मानसून बेहतर रहा है लेकिन कुछ जगहों पर अत्यधिक बारिश से समस्या उत्पन्न हुई है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार बाढ से प्रभावित राज्यों को मदद करने के लिये पूरी तरह प्रतिबद्ध है। मोदी ने कहा कि पिछली सरकारों के विपरीत उन्होंने लोकलुभावन उपायों से अपने को दूर रखा है और लोगों को अधिकार सम्पन्न बनाने के उपायों पर भरोसा किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने किसान हित में की गई पहलों का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी सरकार के प्रयास से उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों के पिछले कुल बकाये का 99.5 प्रतिशत भुगतान किया जा चुका है और इस साल बेचे गए 95 प्रतिशत गन्ने का भुगतान भी कर दिया गया है।
मोदी ने कहा कि यूरिया के रिकार्ड उत्पादन से सबसे ज्यादा खपत वाले इस उर्वरक की काला बाजारी अब बीते दिनों की बात हो गयी है। उन्होंने कहा कि अब किसानों को न्यूनतम प्रीमियम पर फसल बीमा दी जा रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि फसलों के भंडारण के लिए 15 लाख टन क्षमता के अनाज गोदाम बनाए गये हें और किसानों की आय बढ़ाने के लिए खाद्य प्रसंस्करण तथा कृषि आधारित उद्योग पर जोर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा, खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति दी गई है। इन कदमों से किसानों की आय 2022 तक दोगुनी करने में मदद मिलेगी।
मोदी ने कहा, मैंने लोकलुभावन योजनाओं का सहारा नहीं लिया। अपनी सरकार द्वारा उठाये गये कदमों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पहले आयकर कर रिफंड में वर्षों लगते थे और प्राय: रिश्वत देकर इसे प्राप्त किया जाता था। लेकिन अब यह आनलाइन हो गया है और स्वत: एक से तीन सप्ताह में रिफंड बैंक खातों में अंतरित किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले कंपनियों के पंजीकरण में छह-छह महीने लग जाते थे लेकिन यह काम अब 24 घंटे में हो रहा है। पिछले जुलाई महीने में देश में 900 से ज्यादा कंपनियों का पंजीकरण किया गया। उन्होंने कहा कि सरकार स्वच्छ और नवीकरणीय उर्जा पर जोर दे रही है और पिछले एक साल में पवन उर्जा और सौर उर्जा उत्पादन की स्थापित क्षमता में क्रमश: 40 प्रतिशत और 16 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
स्वच्छ उर्जा के क्षेत्र में प्रगति के बारे में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, यह कोई छोटी-मोटी उपलब्धि नहीं बल्कि लंबी छलांग है। हम इसे बढ़ाकर नई ऊंचाई पर ले जाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि बिजली की पारेषण लाइन बिछाने में तेजी लाई गई है। इस समय हर साल 50,000 किलोमीटर ट्रासमिशन लाइने बिछाई जा रही है जबकि पहले यह औसत 30,000 से 35,000 किलोमीटर था। उन्होंने कहा कि आजादी के इतने साल बाद भी 18,000 गांवों में बिजली नहीं पहुंची थी लेकिन हमने 10,000 गांवों में बिजली पहुंचाई है और शेष गांवों में भी जल्दी ही बिजली पहुंचाई जाएगी। उन्होंने नगला पदम गांव (अलीगढ़ जिले में) के विद्युतीकरण का जिक्र किया और कहा कि यह गांव राष्ट्रीय राजधानी से मात्र तीन घंटे की दूरी पर है लेकिन वहां आजादी के इतने वर्षों बाद भी बिजली नहीं पहुंची थी।
उर्जा बचत के बारे में मोदी ने कहा कि सरकार ने एलईडी बल्ब वितरण का बड़ा अभियान शुरू किया है। एलईडी बल्ब की कीमत घटकर 50 रुपए पर आ गई है जो पहले 350 रुपए थी। इस अभियान के तहत अब तक 13 करोड़ एलईडी बल्ब वितरित किये गये हैं। उन्होंने कहा कि 77 करोड़ एलईडी बल्ब के वितरण के लक्ष्य पूरा होने के बाद सालाना 1.25 लाख करोड़ रुपए की 20,000 मेगावाट बिजली की बचत हो सकती है। मोदी ने कहा कि इससे ग्लोबल वार्मिंग रोकने और पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि पिछले 60 साल में 14 करोड़ लोगों को एलपीजी कनेक्शन दिए गये थे जबकि 60 सप्ताह में चार करोड़ नए कनेक्शन दिए जा चुके हैं।