सेंट पीटर्सबर्ग। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज रूस की कंपनियों को भारत में उच्च प्रौद्योगिकी रक्षा उपकरण बनाने की विनिर्माण इकाइयां स्थापित करने के लिए भारतीय कंपनियों से भागीदारी करने को आमंत्रित किया।
उन्होंने कहा,भारत दुनिया में छठा सबसे बड़ा विनिर्माता है और हम जीडीपी में विनिर्माण के हिस्से को 16 प्रतिशत से बढाकर 25 प्रतिशत करना चाहते हैं। मोदी ने कहा, मैं रूसी कंपनियों को आमंत्रित करता हूं कि वे नयी नीति का फायदा उठाते हुए विनिर्माण आधार बनाने के लिए भारतीय कंपनियों से भागीदारी करें।
दोनों देश मिलकर करेंगे स्वतंत्र साख निर्धारण उद्योग का विकास
भारत और रूस ने स्वतंत्र साख निर्धारण उद्योग के विकास का आज संकल्प जताया। दोनों देशों ने यह संकल्प ऐसे समय जताया है जब वैश्विक रेटिंग एजेंसियों के अमेरिका तथा चीन जैसी बड़ी अर्थव्यवस्थों के प्रति झुकाव की आशंका जताई जा रही है।
संयुक्त घोषणापत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने यह भी कहा कि वे क्रेडिट रेटिंग के संदर्भ मे दोनों देशों में संबंधित कानून के बीच तालमेल की संभावना तलाशेंगे। भारत में कई टिप्पणीकारों तथा नीति निर्माताओं ने इस बात को लेकर चिंता जतायी कि वैश्विक रेटिंग एजेंसियां भारत की आर्थिक तथा राजनीतिक बुनियाद में सुधार के बावजूद सरकारी साख को बेहतर नहीं कर रही। कुछ एजेंसियों का झुकाव चीन की ओर दिखता है। इस लिहाज से दोनों देशों का संकल्प महत्वपूर्ण है।