नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मोदी ने आज डेवलपमेंट को नया मंत्र देते हुए कहा कि उनकी सरकार का फोकस जैम यानि की जस्ट अचीव मैक्सिमम पर है। जिसकी मदद से सरकार इकोनॉमिक ग्रोथ में प्रत्येक देशवासी को शामिल करना चाहती है, जिससे सबका विकास संभव हो सके। दिल्ली इकनॉमिक्स कॉन्कलेव 2015 का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि जनधन स्कीम इस बदलाव की निशानी है। देश में 19 करोड़ से ज्यादा जनधन अकाउंट खुले हैं, जिसमे लोगों ने 26 हजार करोड़ रुपए से अधिक की राशि बैंक खातों में जमा कराए हैं। उन्होंने बताया कि भारत में 36 फीसदी डेबिट कार्ड अब रूपे कार्ड हैं।
17 महीनों में आए इकोनॉमी के अच्छे दिन
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश में नीतिगत सुधारों की तेज रफ्तार के चलते पहले के मुकाबले अब भारतीय अर्थव्यवस्था बेहतर स्थिति में है। सत्ता संभालने के बाद पिछले 17 महीनों के भीतर देश की इकोनॉमी के अच्छे दिनों की झलक दिखाई देने लगी है। उन्होंने कहा कि वित्तीय घाटा और महंगाई दर नियंत्रण में है। वहीं विदेशी प्रत्येक्ष निवेश (एफडीआई) और पब्लिक इन्वेस्मेंट बढ़ा है जबकि वित्तीय घाटा कंट्रोल में आया है। यह सब एक स्वस्थ होती इकोनॉमी के संकेत हैं।
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10 हजार करोड़ से अधिक के काले धन का खुलासा
मोदी ने कहा कि सरकार के सामने सबसे बड़ी समस्या काले धन पर लगाम लगाने की है। सरकार की कोशिशों के चलते विदेश में जमा करीब 10,500 करोड़ रुपए के काले धन के बारे में पता चला है। इस मौके पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि भारत, ग्लोबल इकोनॉमी के लिए यह संकट का समय है। हालांकि, सरकार ने ग्रोथ बढ़ाने के लिए जरूरी कदम उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आने से सब्सिडी का बोझ कम हुआ है। जेटली ने यह भी कहा कि जरूरतमंदों को सब्सिडी मिलनी भी चाहिए।