इस अंतर को पाटने के लिए केंद्र मनरेगा के तहत मजदूरी के लिए आधार में बदलाव के लिए फिर से काम करने की सोच रहा है। इस उद्देश्य के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय में अतिरक्ति सचिव नागेश सिंह की अध्यक्षता में समिति गठित की गई है। फिलहाल मनरेगा के तहत मजदूरी का भुगतान कृषि श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) के आधार पर किया जाता है। केंद्र सरकार द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति का मानना है कि मनरेगा श्रेणीकरण के लिए आधार राज्य द्वारा अकुशल कृषि श्रमिकों के लिए तय मौजूदा न्यूनतम वेतन होना चाहिए।