नई दिल्ली। कोविड-19 टीकाकरण को 18 साल की उम्र से ऊपर के सभी नागरिकों के लिए खोलने के फैसले के बाद टीकों की आपूर्ति तेज करने के लिए सरकार ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) और भारत बायोटेक को भविष्य में वैक्सीन की आपूर्ति के लिए 4,500 करोड़ रुपये देने को मंजूरी दी है। सूत्रों ने बताया कि सरकार को जुलाई तक एसआईआई 20 करोड़ खुराक की आपूर्ति करेगा, जबकि भारत बायोटेक को नौ करोड़ खुराक देनी हैं। इसके लिए 150 रुपये प्रति खुराक कीमत तय की गई है। सूत्रों ने कहा कि वित्त मंत्रालय ने वैक्सीन विनिर्माताओं को उत्पादन में मदद करने के लिए बैंक गारंटी के बिना अग्रिम भुगतान की अनुमति देने के लिए नियमों में ढील दी है।
इसके तहत एसआईआई को अग्रिम के तौर पर 3,000 करोड़ रुपये और भारत बायोटेक को लगभग 1,500 करोड़ रुपये मिलेंगे। इस महीने की शुरुआत में एसआईआई के सीईओ अदार पूनावाला ने कहा था कि कंपनी को कोविड-19 की वैक्सीन की उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए लगभग 3,000 करोड़ रुपये की जरूरत है। केंद्र सरकार ने सोमवार को कहा था कि एक मई से 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोग कोविड-19 से रोकथाम के लिए टीका लगवा सकेंगे। इसके साथ ही सरकार ने टीकाकरण अभियान में ढील देते हुए राज्यों, निजी अस्पतालों और औद्योगिक प्रतिष्ठानों को सीधे टीका विनिर्माताओं से खुराक खरीदने की अनुमति भी दे दी।
भारत में एक दिन में कोरोना वायरस संक्रमण के 2,59,170 नए मामले सामने आने के बाद देश में अब तक संक्रमित हो चुके लोगों की कुल संख्या बढ़कर 1,53,21,089 हो गई, जिनमें से 20 लाख से अधिक लोग उपचाराधीन हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मंगलवार सुबह आठ बजे के अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, 1,761 और लोगों की मौत होने के बाद कुल मृतक संख्या बढ़कर 1,80,530 हो गई। देश में संक्रमण के मामलों में लगातार 41वें दिन वृद्धि हुई है और उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 20,31,977 हो गई है जो संक्रमण के कुल मामलों का 13.26 प्रतिशत है। संक्रमित लोगों के स्वस्थ होने की राष्ट्रीय दर गिरकर 85.56 प्रतिशत रह गई है।
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वैक्सीन के आयात पर हो सकता है सीमा शुल्क समाप्त
सरकार विदेश से आने वाली कोविड-19 वैक्सीन की कीमत को कम रखने के लिए आयातित वैक्सीन पर 10 प्रतिशत सीमा शुल्क को माफ कर सकती है। रूस की स्पुतनिक वी वैक्सीन इस महीने या अगले महीने तक भारत में आने वाली है, जबकि मोडरना और जॉनसन एंड जॉनसन जैसे विनिर्माताओं ने भारत में आपातकालीन उपयोग की मंजूरी के लिए आवेदन किया है। सरकार इस समय विदेशों से आने वाले टीकों पर 10 प्रतिशत सीमा शुल्क या आयात शुल्क और 16.5 प्रतिशत आई-जीएसटी तथा सामाजिक कल्याण अधिभार लगाती है। इन करों के चलते आयातित टीके सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) और भारत बायोटेक के मुकाबले महंगे हो जाएंगे।
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