नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को सार्वजनिक क्षेत्र की क्रेडिट इंश्योरेंस प्रदाता ईसीजीसी लिमिटेड में 4400 करोड़ रुपये के पूंजी निवेश और आईपीओ के जरिये शेयर बाजार में सूचीबद्ध कराने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसके अलावा सरकार ने नेशनल एक्सपोर्ट इंश्योरेंस अकाउंट (एनईआईए) स्कीम को भी जारी रखने और अगले पांच सालों तक 1650 करोड़ रुपये का अनुदान देने को भी मंजूरी दी है।
आर्थिक मामलों पर केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार निर्यात क्षेत्र को प्रोत्साहन देने के लिए कई कदम उठा रही है। इसी के मद्देनजर सरकार ने ईसीजीसी लिमिटेड (पूर्व नाम एक्सपोर्ट क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लि.) में अगले पांच सालों (वित्त वर्ष 2021-22 से वित्त वर्श 2025-26) के दौरान 4400 करोड़ रुपये के कैपिटल इनफ्यूजन को मंजूरी प्रदान की है।
मंत्री ने बताया कि चालू वित्त वर्ष में 21 सितंबर, 2021 तक देश का कुल निर्यात 185 अरब डॉलर तक पहुंच गया है और वित्त वर्ष की समाप्ति से पहले यह 190 अरब डॉलर के आंकड़े को छू लेगा। उन्होंने कहा कि ईसीजीसी को आईपीओ के जरिये सूचीबद्ध कराने से और अधिक निर्यात को समर्थन देने में ईसीजीसी की क्षमता में वृद्धि होगी।
गोयल ने कहा कि ईसीजीसी में 500 करोड़ रुपये का निवेश तत्काल किया जाएगा और 500 करोड़ रुपये का निवेश अगले वित्त वर्ष में किया जाएगा। शेष राशि का निवेश जरूरत के आधार पर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार जल्द ही ईसीजीसी को सूचीबद्ध कराने की प्रक्रिया शुरू करेगी और इसका आईपीओ अगले वित्त वर्ष में आएगा।
ईसीजीसी लिमिटेड पूर्ण-स्वामित्व वाली सीपीएसई है, जिसकी स्थापना निर्यात के लिए क्रेडिट रिस्क इंश्योरेंस और संबंधित सेवाओं को उपलब्ध कराकर निर्यात के लिए प्रतिस्पर्धा को बेहतर बनाने के उद्देश्य से की गई थी। कंपनी की योजना 2025-26 तक अपनी अधिकतम देनदारियों को एक लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2.03 लाख करोड़ रुपये की है।
आधिकारिक बयान के अनुसार ईसीजीसी लिमिटेड के सूचीबद्ध होने से कंपनी के वास्तविक मूल्य का निर्धारण होगा और कंपनी की इक्विटी हिस्सेदारी में सार्वजनिक भागीदारी को प्रोत्साहन देने से ‘लोगों के स्वामित्व’ को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही पारदर्शिता और अधिक जवाबदेही के माध्यम से कंपनी संचालन को भी बढ़ावा मिलेगा। बयान के अनुसार सूचीबद्ध होने से ईसीजीसी, बाजार से बाद में अनुवर्ती सार्वजनिक पेशकश (एफपीओ) के माध्यम से नई पूंजी जुटाने में सक्षम हो सकती है। इससे कंपनी को अधिकतम देनदारी कवर बढ़ाने में मदद मिलेगी।
विनिवेश से प्राप्त राशि का उपयोग सामाजिक क्षेत्र की योजनाओं के वित्तपोषण के लिए किया जाएगा। सीसीईए ने राष्ट्रीय निर्यात बीमा खाता (एनईआईए) योजना जारी रखने और पांच साल में सहायता अनुदान के रूप में 1,650 करोड़ रुपये लगाये जाने को भी मंजूरी दी। एनईआईए में पूंजी डालने से उन बाजारों में परियोजना निर्यात की क्षमता के उपयोग में मदद मिलेगी, जहां ध्यान दिया जा रहा है। यह 33,000 करोड़ रुपये मूल्य तक के परियोजना निर्यात को समर्थन दे सकेगा। एक अलग विज्ञप्ति में कहा गया है कि एनईआईए में पूंजी डाले जाने से 2.6 लाख नए रोजगार सृजित करने में मदद मिलेगी। इसमें 12,000 नौकरियां संगठित क्षेत्र में होंगी।
ईसीजीसी का गठन वाणिज्यिक और राजनीतिक कारणों से विदेशी खरीदारों द्वारा भुगतान नहीं होने की स्थिति में निर्यातकों को कर्ज बीमा सेवाएं प्रदान करके निर्यात को बढ़ावा देने के लिए किया गया था। यह कर्ज लेने वाले निर्यातकों के मामले में जोखिम से बचाव को लेकर बैंकों को भी बीमा प्रदान करती है। ईसीजीसी में पूंजी डाले जाने से कंपनी निर्यात उन्मुख उद्योग खासकर श्रम गहन क्षेत्रों में अपना दायरा बढ़ा सकेगी। देश में निर्यात ऋण बीमा बाजार में 85 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी के साथ ईसीजीसी सबसे आगे है।
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