नई दिल्ली। मोदी सरकार विदेश से आने वाली कोविड-19 वैक्सीन की कीमत को कम रखने के लिए आयातित वैक्सीन पर 10 प्रतिशत सीमा शुल्क को माफ कर सकती है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। कोविड-19 टीकाकरण को 18 वर्ष से अधिक उम्र वाले लोगों के लिए खोलने से पहले यह फैसला किया जा सकता है। रूस की स्पुतनिक वी वैक्सीन इस महीने या अगले महीने तक भारत में आने वाली है, जबकि मोडरना और जॉनसन एंड जॉनसन जैसे विनिर्माताओं ने भारत में आपातकालीन उपयोग की मंजूरी के लिए आवेदन किया है। सरकार इस समय विदेशों से आने वाले टीकों पर 10 प्रतिशत सीमा शुल्क या आयात शुल्क और 16.5 प्रतिशत आई-जीएसटी तथा सामाजिक कल्याण अधिभार लगाती है। इन करों के चलते आयातित टीके सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) और भारत बायोटेक के मुकाबले महंगे हो जाएंगे।
पूरे मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने बताया कि सीमा शुल्क माफ करने पर विचार किया जा रहा है। एक अन्य सूत्र ने कहा कि इस बारे में बहुत जल्द निर्णय होने की संभावना है। सरकार ने इस महीने की शुरुआत में कोरोना वायरस संक्रमण के प्रकोप को रोकने के लिए आयातित टीकों के आपातकालीन उपयोग की अनुमति दी थी। सूत्रों ने कहा कि टीकों पर शुल्क में छूट की चर्चा पिछले साल दिसंबर में शुरू हुई, जब फाइजर जैसे विदेशी विनिर्माताओं ने भारत में अपने टीकों की आपूर्ति के लिए आवेदन किया। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय और उसकी अप्रत्यक्ष कर संग्रह शाखा ने शुल्क माफी के प्रभाव को लेकर कुछ प्रारंभिक गणना की थी, लेकिन जब तक सरकार आयातित टीकों के उपयोग को मंजूरी नहीं देती, तब तक इस बारे में किसी फैसले को टाल दिया गया।
वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि इस बारे में अभी कोई प्रस्ताव तैयार नहीं हुआ है। केंद्र सरकार ने सोमवार को कहा था कि एक मई से 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोग कोविड-19 से रोकथाम के लिए टीका लगवा सकेंगे। इसके साथ ही सरकार ने टीकाकरण अभियान में ढील देते हुए राज्यों, निजी अस्पतालों और औद्योगिक प्रतिष्ठानों को सीधे टीका विनिर्माताओं से खुराक खरीदने की अनुमति भी दे दी। भारत में एक दिन में कोरोना वायरस संक्रमण के 2,59,170 नए मामले सामने आने के बाद देश में अब तक संक्रमित हो चुके लोगों की कुल संख्या बढ़कर 1,53,21,089 हो गई, जिनमें से 20 लाख से अधिक लोग उपचाराधीन हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मंगलवार सुबह आठ बजे के अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, 1,761 और लोगों की मौत होने के बाद कुल मृतक संख्या बढ़कर 1,80,530 हो गई। देश में संक्रमण के मामलों में लगातार 41वें दिन वृद्धि हुई है और उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 20,31,977 हो गई है जो संक्रमण के कुल मामलों का 13.26 प्रतिशत है। संक्रमित लोगों के स्वस्थ होने की राष्ट्रीय दर गिरकर 85.56 प्रतिशत रह गई है।
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