नई दिल्ली। बुधवार को संसद में यह बताया गया कि सरकार केंद्र सरकार के कार्यालयों में फोर-डेज वर्क वीक या एक हफ्ते में 40 वर्किंग घंटे के सिस्टम को लागू करने जैसे किसी प्रस्ताव पर विचार नहीं कर रही है। श्रम मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में कहा कि वर्तमान में, केंद्र सरकार के कार्यालयों में फोर-डे वर्क वीक या एक हफ्ते में 40 घंटों के कार्यकाल के सिस्टम को लागू करने के किसी भी प्रस्ताव पर विचार नहीं किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि भारत के केंद्र सरकार के प्रशासनिक कार्यालयों के कार्यदिवस/अवकाश/कार्य के घंटों को संबंधि केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिश के आधार पर तय किया जाता है। चौथे वेतन कमीशन की सिफारिशों के आधार पर, भारत सरकार के सिविल एडमिनिस्ट्रेटिव कार्यालयों में हफ्ते में पांच दिन कार्य और प्रतिदिन साढ़े घंटे की पाली को लागू किया गया है।
मंत्री ने बताया कि सातवें केंद्रीय वेतन आयोग ने अपनी सिफारिश में इसी व्यवस्था को आगे भी बनाए रखने की सिफारिश की है।
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सहकारिता क्षेत्र की वृद्धि के लिए प्रभु की अध्यक्षता में विकास मंच का गठन
पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु की अध्यक्षता में सहकारी विकास मंच (सीडीएफ) का गठन किया गया है। इसका उद्देश्य देश की आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिहाज से महत्वपूर्ण सहकारिता क्षेत्र में सुधार लाना और उसे नई गति प्रदान करना है। प्रभु ने बुधवार को एक बयान में कहा कि सीडीएफ का गठन सहकारिता क्षेत्र में सुधार और उसे नई गति देने के लिए किया गया है ताकि भविष्य में क्षेत्र की वृद्धि सुनिश्चित हो सके।
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भारत के जी-20 और जी-7 में शेरपा तथा राज्यसभा सदस्य प्रभु मंच के संस्थापक चेयरमैन होंगे। मंच के सदस्य में इफको के प्रबंध निदेशक यू एस अवस्थी, कृभको के चेयरमैन चंद्रपाल सिंह यादव, एनसीयूआई (नेशनल कोऑपरेटिव यूनियन ऑफ इंडिया) के अयक्ष दिलीप सांघवी, नेशनल कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के चेयरमैन मंगल जीत राय और एनएजीसीयूबी (नेशनल फेडरेशन ऑफ अरबन कोऑपरेटिव बैंक्स एंड क्रेडिट सोसाइटीज लि.) के चेयरमैन ज्योतिन्द्र मेहता शामिल हैं।
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प्रभु ने कहा कि फिलहाल बैंक, डेयरी, उर्वरक, खाद्य प्रसंस्करण, कृषि समेत विभिन्न सहकारी संस्थाओं के सदस्यों की संख्या 28 करोड़ हैं। ये प्राथमिक कृषि ऋण समिति (पीएसीएस) के जरिये सभी गांवों को जोड़ते हैं। उन्होंने कहा कि मंच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत, स्वच्छ भारत अभियान, आयुष्मान भारत और प्रधानमंत्री उदय योजना से स्वयं को जोड़ते हुए काम करेगा।
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