नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने चालू विपणन वर्ष में अभी तक न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर किसानों से 432.83 लाख टन गेहूं की खरीद की है, जो अभी तक का सर्वकालिक उच्च स्तर है। इसकी लागत लगभग 85,500 करोड़ रुपये है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि चालू रबी विपणन वर्ष 2021-22 में गेहूं की खरीद राज्यों में निरंतर आसानी से चल रही है।
27 जून तक, कुल 432.83 लाख टन गेहूं की खरीद की जा चुकी है, पिछले साल समान अवधि में 386.83 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी। इस बार की खरीद ने रबी विपणन वर्ष 2020-21 में पूर्व सर्वकालिक उच्च स्तर 389.92 लाख टन को पार कर लिया है। राजस्थान में गेहूं खरीद सर्वकालिक उच्च स्तर 23.19 लाख टन पर पहुंच गया है। बयान में कहा गया है कि 85,483.25 करोड़ रुपये की एमएसपी के साथ चालू रबी विपणन वर्ष की खरीद से लगभग 49.07 लाख किसानों को लाभ मिला है।
हरियाणाा ने कृषि ऋण चुकाने की तारीख बढ़ाई
हरियाणा सहकारी मंत्री बनवारी लाल ने सोमवार को बताया कि राज्य सरकार ने प्राथमिक कृषि सहकारी सोसाएटीज द्वारा किसानों को दिए गए कृषि ऋण को चुकाने की तारीख को आगे बढ़ा दिया है। रबी कृषि ऋण को चुकाने की तारीख, जिसे 30 जून या इससे पहले चुकाया जाना था, को आगे बढ़ाकर अब 31 अगस्त कर दिया गया है। सरकार के इस कदम से लगभग 3.5 लाख किसानों को फायदा होगा, जिन्हें लगभग 35 करोड़ रुपये की ब्याज राहत मिलेगी।
जलवायु परिवर्तन सहने में सक्षम, अधिक पोषक बीजों से भी बढ़ेगी किसानों की आय
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि किसानों की आय बढ़ाने और कुपोषण की समस्या से निपटने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने प्रोटीन, आयरन, जस्ता और विटामिन ए जैसे पोषक तत्वों में प्रचुर विभिन्न फसलों के बीज तैयार किए हैं। कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर से प्रभावित अर्थव्यवस्था के पुनरूद्धार के लिए ताजा प्रोत्साहन उपायों की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि पूर्व में ध्यान अधिक उत्पादन वाले फसल की किस्मों पर दिया गया। उस समय पोषण, जलवायु की समस्या से निपटने और अन्य पहलुओं पर ध्यान नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि उन फसल की किस्मों में महत्वपूर्ण पोषक तत्व जरूरी स्तर से नीचे थे। साथ ही वे कीटों और विषाणु तथा तेज धूप, हवा (बॉयोटिक और अबॉयोटिक समस्याएं) जैसी चीजों से तुरंत प्रभावित हो जाते थे।
सीतारमण ने कहा कि आईसीएआर ने ऐसी फसलों की किस्में विकसित की हैं, जिसमें प्रोटीन, आयरन, जस्ता और विटामिन ए जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में हैं। उन्होंने कहा ये बीज रोगों, कीटों, सूखा, लवणता और बाढ़ को झेलने में सक्षम हैं और जल्दी तैयार होते हैं। चावल, मटर, बाजरा, मक्का, सोयाबीन, अरहर और ज्वार समेत अन्य फसलों की 21 ऐसी किस्में राष्ट्र को समर्पित की जाएंगी।
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