नई दिल्ली। कांग्रेस ने पेट्रोल-डीजल की ताजा मूल्यवृद्धि का कड़ा विरोध करते हुए सोमवार को केंद्र सरकार पर आम आदमी की कीमत पर सरकारी खजाना भरने का आरोप लगाया। पार्टी ने पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के तहत लाने की मांग भी दोहरायी। ईंधन के दाम में कल की गयी मूल्यवृद्धि के बाद राष्ट्रीय राजधानी में पेट्रोल कीमतें 73.73 रुपए प्रति लीटर पर पहुंच गईं, जो इसका चार साल का उच्चस्तर है। डीजल का मूल्य भी 64.58 रुपए प्रति लीटर हो गया है, जो इसका उच्चतम स्तर है।
कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख रणदीप सुरजेवाला ने एक बयान जारी कर पेट्रोल-डीजल की ताजा मूल्यवृद्धि का कड़ा विरोध किया। उन्होंने कहा कि डीजल पैंसठ हुआ, पेट्रोल पचहत्तर पार। कहां गयी मोदी जी की वह हुँकार कि अबकी बार महँगाई पर मार।
उन्होंने कहा कि पट्रोल-डीजल की ताजा मूल्यवृद्धि के बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार पर कोई असर नहीं पड़ रहा और वह कोई जवाब नहीं दे रही। भाजपा के चुनाव पूर्व के नारे आम आदमी के लिए ‘‘क्रूर मजाक’’ बन गये हैं।
सुरजेवाला ने दावा किया कि मई 2014 में भाजपा के सत्ता में आने के बाद से पेट्रोल में उत्पाद शुल्क में 214 प्रतिशत, डीजल में उत्पाद शुल्क में 443.06 प्रतिशत वृद्धि हुई जबकि केन्द्रीय उत्पाद शुल्क में 12 गुना की वृद्धि की गयी है।
उन्होंने आरोप लगाया कि आम आदमी ने नरेंद्र मोदी सरकार पर जो विश्वास व्यक्त किया था उसके साथ विश्वासघात किया गया है। यह ईंधन की कीमतों पर लगाम कसने में बुरी तरह विफल रही है तथा आम नागरिकों की कीमत पर सरकारी खजाना भरने में व्यक्त है। पार्टी ने पेट्रोल एवं डीजल को जीएसटी के दायरे के तहत लाने की मांग दोहरायी।