मुंबई। मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी गोल्ड स्कीम्स सफल होगी या नहीं ये तो आने वाला समय ही बताएगा। लेकिन, ग्लोबल रिसर्च फर्म यूनियन बैंक ऑफ स्विट्जरलैंड (यूबीएस) ने इन स्कीम्स पर भरोसा जताया है। यूबीएस ने संभावना जताई है कि मोदी सरकार की गोल्ड स्कीम्स पहले से चल रही दूसरी स्कीम्स से बेहतर साबित होगी। रिसर्च फर्म ने कहा कि गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम खासकर ग्रामीण इलाकों में सफल होगी। जहां सोने की मांग अधिक रहती है।
पुरानी स्कीम से बेहतर है नई गोल्ड स्कीम्स
ग्लोबल रिसर्च फर्म यूबीएस सिक्यरिटीज ने अपनी रिपोर्ट में कहा है इस स्कीम से पहले की स्कीमों से बेहतर परफॉर्म करने की संभावना है। लोगों के बीच इसके लोकप्रिय होने में थोड़ा वक्त लगेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोने की मांग घटाने और घरों में पड़े 800 अरब डॉलर मूल्य के 20,000 टन सोने को बाहर लाने के लिए पिछले सप्ताह तीन महत्वाकांक्षी योजनाएं लॉन्च की है। इसमें गोल्ड मोनेटाइजेशन, गोल्ड बॉन्ड और अशोक चक्र वाले सोने के सिक्के शामिल है।
जीडीपी के 39 फीसदी के बराबर घरों में सोना
भारतीयों के पास डायरेक्ट और इनडायरेक्ट रूप से अनुमानित 22,000 टन सोना है, जो भारतीय जीडीपी का 39 फीसदी है। भारत में सोने की मांग का एक बड़ा हिस्सा आयात के जरिए पूरा किया जाता है। 2014-15 में सोने का आयात जीडीपी का 1.7 फीसदी रहा जिससे चालू खाते का घाटा जीडीपी के 1.4 फीसदी पर पहुंच गया।