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सरकार कर रही है दाल और खाद्य तेल महंगा करने की तैयारी, आयात पर लगा सकती है रोक

कुछ तिलहन और दलहन कीमतों में गिरावट को लेकर चिंतित एक मंत्री समूह ने सूरजमुखी तेल, मूंगफली तेल और पीली दाल के आयात का विनियमन करने पर विचार-विमर्श किया।

Manish Mishra
Published on: November 02, 2017 11:21 IST
सरकार कर रही है दाल और खाद्य तेल महंगा करने की तैयारी, आयात पर लगा सकती है रोक- India TV Paisa
सरकार कर रही है दाल और खाद्य तेल महंगा करने की तैयारी, आयात पर लगा सकती है रोक

नई दिल्ली कुछ तिलहन और दलहन कीमतों में गिरावट को लेकर चिंतित केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी की अगुवाई वाले एक मंत्री समूह ने सूरजमुखी तेल, मूंगफली तेल और पीली दाल के आयात का विनियमन करने के बारे में विचार विमर्श किया। इस विचार-विमर्श का मकसद इस बात को सुनिश्चित करना था कि दाल और खाद्य तेलों की घरेलू कीमतें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से अधिक बनी रहें। मौजूदा समय में अधिकतर उत्पादक राज्यों में सूरजमुखी के बीज और मूंगफली की थोक कीमतें टूटकर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे जा चुकी हैं। ऐसी स्थिति में इन खाद्य तेलों और पीली दालों का आयात स्थानीय कीमतों को और दवाब में ला रही हैं।

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खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने संवाददाताओं से कहा कि,

हमने किसानों के हित में दलहन और तिलहन के मुद्दे पर चर्चा की।

सरकारी सूत्रों ने कहा कि तात्कालिक समाधान के रूप में बैठक में इस बात को तय किया गया कि चालू सत्र में कृषि मंत्रालय अपने मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत कृषि जिंसों की खरीद में तेजी लाएगा। पहले ही मंत्रालय ने महाराष्ट्र और राजस्थान जैसे तीन चार राज्यों में कुछ दलहन और तिलहन की खरीद को मंजूरी दी हुई है।

सूत्रों ने बताया कि बैठक में उक्त दो खाद्य तेलों और पीली दाल पर आयात शुल्क को बढ़ाने के प्रस्ताव के बारे में विचार-विमर्श किया गया ताकि घरेलू किसानों को संरक्षित किया जा सके। सूत्रों ने कहा कि इस बारे में अंतिम फैसला सचिवों की समिति द्वारा लिया जाएगा।

कनाडा और अमेरिका जैसे देशों से भारी मात्रा में पीली दालें देश में आ रही हैं और इसके कारण यहां दलहनों की कीमतों पर दबाव है। इसी प्रकार से मवेशियों के चारे के रूप में प्रयुक्त होने वाले सोयाबीन खली का भी भारी मात्रा में आयात किया जा रहा है।

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दलहनों के 18 लाख टन के भारी बफर स्टॉक के निपटान के संदर्भ में खाद्य मंत्रालय ने दाल की गुणवत्ता को लंबे समय तक बनाये रखने के लिए 10 लाख टन तुअर दाल का ‘मिलिंग’ करने का प्रस्ताव किया है तथा क्रमश: इनकी बिक्री जरुरत के अनुसार विभिन्न संगठनों को करने का प्रस्ताव किया है।

चालू वर्ष अगस्त में सरकार ने कच्चे पाम ऑयल पर आयात शुल्क को 7.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत तथा रिफाइंड तेल पर आयात शुल्क को 15 से बढ़ाकर 25 प्रतिशत कर दिया था ताकि सस्ते आयात को रोका जा सके। उद्योग संगठन एसईए की ओर से इन तेलों के आयात शुल्क में वृद्धि किए जाने की मांग की जा रही थी। बैठक में कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह और खाद्य, उपभोक्ता एवं कृषि मंत्रालयों के सचिवों के अलावा कई अन्य उपस्थित थे।

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