नई दिल्ली। सरकार ने व्हाट्सएप को आज सख्त संदेश देते हुए कहा है कि उसे यदि भारत में काम करना है तो इसके लिए स्थानीय कंपनी बनानी होगी तथा इस एप पर किसी फर्जी संदेश के स्रोत का पता लगाने का तकनीकी समाधान तलाशना होगा।
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने व्हाट्सएप प्रमुख क्रिस डेनियल्स के साथ बैठक के बाद कहा कि फेसबुक के स्वामित्व वाले इस मैसेजिंग एप ने भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था की कहानी में उल्लेखनीय योगदान किया है लेकिन उसे भीड़ के हमले तथा प्रतिशोध के लिए अश्लील तस्वीरें प्रेषित करने जैसे दुष्कृत्यों से निपटने के समाधान तलाशने होंगे।
उल्लेखनीय है कि हल में देश में कुछ स्थानों पर व्हाट्सएप पर अफवाह से जुटी भीड़ ने कुछ लोगों की पीट-पीट कर हत्या कर दी। तब से सरकार ऐसे संदेशों के स्रोत का पता लगाने का समाधान चाहती है। मंत्री ने कहा कि मेरी व्हाट्सएप के सीईओ क्रिस डेनियल्स के साथ सार्थक बैठक हुई है। व्हाट्सएप ने पूरे देश में जागरूकता फैलाने में जो काम किया है, उसके लिए मैं उनकी सराहना करता हूं, लेकिन भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या तथा बदले की कार्रवाई के तहत अश्लील तस्वीरें बिना साथी की मर्जी के डालने जैसी अहितकर गतिविधियों का समाधान आपको तलाशना होगा, जो पूरी तरह आपराधिक तथा भारतीय कानून का उल्लंघन है।
प्रसाद ने कहा कि उन्होंने व्हाट्सएप से भारत में कॉरपोरेट इकाई स्थापित करने, शिकायत निपटान अधिकारी नियुक्त करने और फर्जी संदेश की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए तकनीकी समाधान तलाशने को कहा है। उन्होंने कहा कि मैंने पहले भी इस मामले को उठाया था और कहा था कि सैकड़ों और हजारों की संख्या में प्रसारित होने वाले संदेश के बारे में पता लगाने में कोई ‘रॉकेट साइंस’ नहीं है, आपके पास समाधान के लिए व्यवस्था होनी चाहिए। प्रसाद के अनुसार फेसबुक की अगुवाई वाली कंपनी ने आश्वस्त किया कि वह इन बिंदुओं के अनुपालन की दिशा में काम कर रही है।