नई दिल्ली। आने वाले दिनों में आपको सरकारी काम के लिए दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। मोदी सरकार अगले पांच वर्षों में मोबाइल फोन पर सभी सरकारी सर्विसेज को उपलब्ध कराना चाहती है। इससे नागरिकों को सरकारी ऑफिसों में जाने की जरूरत नहीं होगी और उनका काम आसानी से हो सकेगा। पिछले हफ्ते नैसकॉम और केपीएमजी के साथ मिलकर बनाई गई रिपोर्ट के माध्यम से डिपार्टमेंट ऑफ एडमिनिस्ट्रेटिव रिफोर्मस एंड पब्लिक ग्रीवन्सेस (डीएआरपीजी) ने सरकार को यह प्रस्ताव दिया है। अगर सरकार इस प्रस्ताव को मंजूरी दे देती है तो सारे सरकारी काम मोबाइल से हो सकेंगे।
ई-गवर्नमेंट इंडेक्स में टॉप-10 देशों में शामिल होगा भारत
डीएआरपीजी के सेक्रेटरी देवेंद्र चौधरी ने रिपोर्ट में कहा है कि यह कदम यूएन के ई-गवर्नमेंट इंडेक्स में भारत की स्थिति को सुधारने में मददगार साबित होगा। फिलहाल भारत यूएन के 193 देशों के इंडेक्स में 119वें स्थान पर है। माना जा रहा है कि आने वाले वर्षों में भारत टॉप-10 में देशों में शामिल हो सकता है। पिछले हफ्ते पीएमओ को डीएआरपीजी ने एक रिपोर्ट सौंपी, जिसमें सभी खास स्कीम्स को मोबाइल पर लाने की बात कही गई है।
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सर्विस डिलिवरी के लिए जरुरी मोबाइल गवर्नेंस
शुक्रवार को टेलीकॉम सेक्रेटरी बने जेएस. दीपक ने कहा कि डिजिटल इंडिया के लक्ष्य को पाने और लोगों तक सरकारी सर्विसेज को सुनिश्चित करने के लिए सरकार को मोबाइल प्लेटफॉर्म की पूरी क्षमता का उपयोग करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आधार से जुड़े, मोबाइल लिंक्ड मेकेनिज्म को कारगर तरीके से जनहित में इस्तेमाल किया जा सकता है। सर्विस डिलिवरी के लिए मल्टी लिंगुअल मोबाइल गवर्नेंस सेवाओं की काफी अहमियत है। नैसकॉम प्रेसिडेंट आर. चंद्रशेखर ने नागरिकों तक सेवाओं को पहुंचाने के लिए डिजिटल टेक्नोलॉजी के बेहतर इस्तेमाल की जरूरत बताई है।