नई दिल्ली। मोदी सरकार दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए नई योजना ला रही है। इस नई योजना के तहत देसी गायों की बेहतरीन नस्ल रखने वाले किसानों और गौशालाओं को अब 5 लाख कैश के पुरस्कार से नवाजा जाएगा। केंद्र सरकार ने सभी राज्यों से कहा कि वे इस सिलसिले में 31 मार्च तक किसानों, गौशालाओं और प्रजनन सोसायटी के नॉमिनेशन भेजें। नवंबर में नैशनल मिल्क डे के मौके पर 5 लाख, 3 लाख और 1 लाख रुपये के कुल 30 पुरस्कार दिए जाएंगे।
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पशुधन और मत्स्य विभाग के सचिव देवेंद्र चौधरी ने बताया कि
ऊंची उत्पादकता वाले 500 सांडों को चुनने पर काम शुरू करने की योजना है। चौधरी ने बताया कि अडवांस री-प्रॉडक्शन तकनीक से 7,000 बेहतरीन गायों को तैयार किया जाएगा, जिससे हर साल 50 लाख देसी गायों को अपग्रेड करने में मदद मिलेगी।
देसी नस्लों पर फोकस
- केंद्र सरकार इस बारे में संदेश फैलाने के लिए नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर के जरिये देशभर के 1 लाख अधिकारियों को एसएमएस भेजना शुरू करेगी।
- सरकार का लक्ष्य पंजाब के सहिवाल, राजस्थान के राठी और गुजरात के गिर जैसी देसी नस्लों पर फोकस करना है।
- गायों की कुछ अन्य देसी नस्लें भी विलुप्त होने के कगार पर हैं।
- केंद्र सरकार बेहतरीन देसी नस्ल की गायों को पालने वाले किसानों, ट्रस्टों, गौशालाओं और गैर-सरकारी संगठनों को बढ़ावा देने के लिए ‘गोपाल रत्न’ और ‘कामधेनु’ कैश अवॉर्ड देगी।
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देसी गायें ज्यादा अनुकूल
- सरकार का मानना है कि भारत के जलवायु के लिहाज से देसी गायें ज्यादा अनुकूल हैं और ये यहां के हालात में संकर नस्ल वाली गायों के मुकाबले ज्यादा बेहतर तरीके से अडजस्ट कर सकती हैं।
- अधिकारियों ने बताया कि अमेरिका, ब्राजील और ऑस्ट्रेलिया ने भारत की देसी गायों का इंपोर्ट किया है, जबकि यहां की पिछली सरकारों ने ऐसी गायों को नजरअंदाज किया।
- भारत में पहचान की गई 40 देसी नस्लों के अलावा कई ऐसी नस्लें हैं, जो कृत्रिम वीर्यरोपण के दायरे से पूरी तरह बाहर हैं।