नयी दिल्ली: मॉडेर्ना का कोविड- 19 एक खुराक वाला टीका अगले साल भारत में उपलब्ध हो सकता है। इसके लिये वह सिप्ला तथा अन्य भारतीय दवा कंपनियों से बातचीत कर रही है। अमेरिका की ही फाइजर 2021 में ही पांच करोड़ टीके उपलब्ध कराने को तैयार है लेकिन वह क्षतिपूर्ति सहित कुछ नियामकीय शर्तों में बड़ी छूट चाहती है। सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। बातचीत की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि मॉडेर्ना ने भारतीय प्राधिकरणों को यह बताया है कि उसके पास 2021 में अमेरिका से बाहर के लिए टीके का स्टॉक नहीं हैं।
जॉनसन एण्ड जॉनसन भी निकट भविष्य में अमेरिका से अपने टीके को दूसरे देशों को भेज पायेगी इसकी भी बहुत सीमित संभावनायें हैं। वैश्विक और घरेलू बाजारों में टीके की उपलब्धता को लेकर कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में पिछले सप्ताह कुछ उच्चस्तरीय बैठकें हुईं। इनमें विदेश मंत्रालय, नीति आयोग, जैव प्रौद्योगिकी विभाग, कानून मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी मौजूद थे। देश में कोविड19 प्रतिरक्षण टीकाकरण अभियान में फिलहाल दो टीकों --कोवीशील्ड और कोवैक्सिन-- का इस्तेमाल किया जा रहा है।
इस साल जनवरी मध्य में शुरू किये गये टीकाकरण अभियान के बाद से अब तक 20 करोड़ टीके की खुराक दी जा चुकी हैं। भारत ने रूस की स्पुतनिक वी वैक्सीन को भी मंजूरी दी है लेकिन अभी इसकी आपूर्ति बहुत सीमित संख्या में है। समझा जाता है कि सिप्ला ने मॉडेर्ना से 2022 में पांच करोड टीके की खुराक की खरीद में रुचि दिखाई है। उसने सरकार से नीतिगत व्यवस्था में स्थायित्व का आश्वासन मांगा है।
स्वास्थ्य मंत्रालय से भी कहा गया है कि वह मॉडेर्ना का टीका खरीदने में सिप्ला को जरूरी समर्थन देने के आग्रह पर जल्द निर्णय ले। जहां तक फाइजर की बात है, इस अमेरिकी कंपनी ने पांच करोड़ टीके इसी साल उपलब्ध कराने का संकेत दिया है। इसमें एक करोड़ टीके जुलाई में, एक करोड़ अगस्त में और दो करोड सितंबर तथा एक करोड़ टीके अक्टूबर में उपलब्ध कराये जायेंगे।
कंपनी ने कहा है कि वह केवल भारत सरकार से बात करेगी और टीकों का भुगतान भारत सरकार द्वारा फाइजर इंडिया को करना होगा। खरीदे गये टीके का घरेलू स्तर पर वितरण करने का काम भारत सरकार को खुद करना होगा। एक अन्य सूत्र ने कहा है कि भारत को टीके की आपूर्ति के लिये फाइजर ने भारत सरकार से क्षतिपूर्ति का करार किए जाने की शर्त भी रखी है और इसके दस्तावेज भेजे हैं। फाइजर के मुताबिक उसने अमेरिका सहित 116 देशों से क्षतिपूर्ति के करार किये हैं। दुनियाभर में फाइजर टीके की अब तक 14.7 करोड़ खुराक दी जा चुकी हैं। फिलहाल कहीं से भी किसी तरह के उल्लेखनीय दुष्प्रभाव की रिपोर्ट नहीं है।