नई दिल्ली। सरकार का कहना है कि अगले एक महीने में आदर्श किराया कानून को मंजूरी मिल जायेगी और फिर इसे राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों को भेज दिया जायेगा ताकि वह उसके आधार पर अपने राज्यों में कानून बनाकर उसे अमल में ला सकें। यह कदम किराये के आवासों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उठाया जा रहा है। आवास और शहरी मामलों के सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने बुधवार को इसकी जानकारी दी। वाणिज्य एवं उद्योग संगठन एसोचैम द्वारा आवास क्षेत्र पर आयोजित एक वेबिनार को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र, राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को इस आदर्श कानून को अपनाने के लिये प्रोत्साहित करेगा। उन्होंने राज्यों के द्वारा इस संदर्भ में अगले एक वर्ष में आवश्यक कानून पारित करा लिये जाने की उम्मीद है। मिश्रा ने कहा, ‘‘हम एक बहुत बड़ा सुधार ला रहे हैं। हम किराया कानून को बदल रहे हैं।’’ सचिव ने कहा कि विभिन्न राज्यों में वर्तमान किराया कानून किरायेदारों के हितों की रक्षा के हिसाब से बनाये गये हैं। उन्होंने कहा कि देश में 1.1 करोड़ घर खाली पड़े हैं, क्योंकि लोग उन्हें किराये पर देने से डरते हैं। मिश्रा ने कहा, उनका मंत्रालय यह सुनिश्चित करेगा कि एक वर्ष के भीतर हर राज्य इस आदर्श कानून को लागू करने के लिये जरूरी प्रावधान करें।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि इस कानून के लागू होने के बाद खाली फ्लैटों में से 60-80 प्रतिशत किराये के बाजार में आ जायेंगे।’’ उन्होंने कहा कि रियल एस्टेट डेवलपर्स अपने नहीं बिक पाये आवासों को किराये के आवास में भी बदल सकते हैं। मंत्रालय ने जुलाई 2019 में आदर्श किराया कानून का मसौदा जारी किया था, जिसमें प्रस्ताव था कि किराये में संशोधन करने से तीन महीने पहले भूस्वामियों को लिखित में नोटिस देना होगा। इसमें जिला कलेक्टर को किराया अधिकारी के रूप में नियुक्त करने और किरायेदारों पर समय से अधिक रहने की स्थिति में भारी जुर्माना लगाने की वकालत की गयी है। हाल ही में पेश किफायती किराया आवास परिसर योजना के बारे में मिश्रा ने कहा कि कार्यक्रम का उद्देश्य केंद्र और राज्यों के स्वामित्व वाले लाखों फ्लैटों को बहुत सस्ते किराये पर प्रवासी श्रमिकों के लिये किराये के आवास में परिवर्तित करना है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोविड-19 संकट से निपटने के लिये 20 लाख करोड़ रुपये से अधिक के आर्थिक पैकेज के हिस्से के रूप में किफायती किराया आवास परिसर योजना की घोषणा की थी। आवास मंत्रालय ने देश में इस योजना को लागू करने के लिये पिछले महीने दिशानिर्देश जारी किये हैं।