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टेंशन में आया चीन! इस मामले में दूसरे नंबर पर पहुंचा भारत, अब ड्रैगन को पीछे छोड़ने का लक्ष्य

प्रसाद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भारत को वैकल्पिक विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए पीएलआई योजना को लाया गया है। उन्होंने कहा कि पीएलआई का मकसद विश्वस्तरीय कंपनियों को भारत में लाना और भारतीय कंपनियों को विश्वस्तरीय बनाना है। 

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: December 14, 2020 13:13 IST
Mobile Manufacturing India plans to surpass China । टेंशन में आया चीन! इस मामले में दूसरे नंबर पर पह- India TV Paisa
Photo:PTI

टेंशन में आया चीन! इस मामले में दूसरे नंबर पर पहुंचा भारत, अब ड्रैगन को पीछे छोड़ने का लक्ष्य

नई दिल्ली. केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सोमवार को कहा कि भारत दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल निर्माता बन गया है और अब चीन को पीछे छोड़ना अगला  लक्ष्य है। उन्होंने बताया, "जब हम 2014 में सत्ता में आए थे, तब भारत में केवल दो मोबाइल कारखाने थे, अब भारत 260 से अधिक हो गए है। भारत दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल निर्माता बन गया है। अब मैं चीन को पार करने पर जोर दे रहा हूं, यही मेरा लक्ष्य है और मैं इसे स्पष्ट रूप से परिभाषित कर रहा हूं।" उन्होंने ये बातें उद्योग संघ फिक्की के वार्षिक अधिवेशन में कही।

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उन्होंने कहा कि सरकार दूसरे क्षेत्रों में पीएलआई योजना के विस्तार से भारत को इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों का विनिर्माण केंद्र बनाना चाहती है।  भारत 2017 में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल विनिर्माण देश बन गया था। इलेक्ट्रॉनिक्स पर राष्ट्रीय नीति (एनपीई) 2019 में 2025 तक इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण को बढ़ाकर 26 लाख करोड़ रुपये से अधिक करने पर जोर दिया गया है। इनमें से 13 लाख करोड़ रुपये मोबाइल विनिर्माण खंड से आने की उम्मीद है।

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प्रसाद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भारत को वैकल्पिक विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए पीएलआई योजना को लाया गया है। उन्होंने कहा कि पीएलआई का मकसद विश्वस्तरीय कंपनियों को भारत में लाना और भारतीय कंपनियों को विश्वस्तरीय बनाना है। सरकार द्वारा शुरू की गई पीएलआई योजना के तहत पात्र कंपनियों को 48,000 करोड़ रुपये तक का प्रोत्साहन मिल सकता है। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि भारत में 1.3 बिलियन से अधिक लोग हैं, 1.2 बिलियन मोबाइल फोन, 1.26 बिलियन आधार कार्ड हैं। जन धन खाते के साथ इस सब का लाभ उठाकर, हमने कल्याण के वितरण की प्रणाली बनाई।

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उन्होंने आगे कहा कि सैकड़ों सरकारी योजनाओं के माध्यम से, उन्होंने पिछले साढ़े पांच वर्षों में गरीबों के बैंक खातों के जरिए लगभग 13,00,000 करोड़ रुपये वितरित किए हैं। उन्होंने कहा, "440 सरकारी योजनाओं में, हमने पिछले 5.5 वर्षों में गरीबों के बैंक खातों, मनरेगा भुगतान, गैस कनेक्शन सब्सिडी और खाद्य सब्सिडी आदि में लगभग 13,00,000 करोड़ रुपये वितरित किए हैं। इतना ही नहीं, हमने बिचौलियों की जेब में जानी वाली 1,70,000 करोड़ रुपये की रकम को बचाया भी है। (ANI/Bhasha)

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