नई दिल्ली। भारत में डिजिटल कारोबार अगले दो साल में मौजूदा 42 अरब डॉलर से बढ़कर 128 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। एक अध्ययन में यह दावा करते हुए कहा गया है कि मोबाइल इंटरनेट उपयोग और मोबाइल-कमर्शियल बिक्री में हो रही वृद्धि को देखते हुए डिजिटल कारोबार में इस भारी वृद्धि की उम्मीद है।
उद्योग मंडल एसोचैम और डेलॉयट के संयुक्त अध्ययन में यह उम्मीद जताई गई है। इसके मुताबिक, मोबाइल और इंटरनेट के बढ़ते चलन, मोबाइल के जरिये बिक्री कारोबार, अग्रिम शिपिंग और भुगतान के विकल्पों, उत्साहवर्धक रियायतों और इलेक्ट्रॉनिक व्यवसाय के जरिये नए अंतरराष्ट्रीय बाजारों में पहुंच बढ़ने से इस अप्रत्याशित वृद्धि की उम्मीद की जा रही है।
अध्ययन के अनुसार भारतीय डिजिटल वाणिज्य बाजार के मौजूदा 42 अरब डॉलर से बढ़कर 2017 तक 128 अरब डॉलर तक पहुंच जाने की उम्मीद है। एसोचैम महासचिव डीएस रावत ने कहा कि भारत जैसे देश में जहां देश के हर कोने में स्थित ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंचने के लिए ढांचागत सुविधायें पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाई हैं, वहां आपूर्ति श्रृंखला और ई-कॉमर्स में दूसरे आधारभूत संरचना की व्यवस्था करना काफी जटिल काम है।
रावत ने कहा कि ई-कॉमर्स को लेकर टैक्स नीतियां स्पष्ट नहीं हैं। यह विभिन्न व्यवसाय मॉडल और लेनदेन पर निर्भर हैं। समस्या तब और बढ़ जाती है, जब इसमें वस्तु एवं सेवाओं की सीमा पार ऑनलाइन खरीद-बिक्री होती है। इस अध्ययन में कहा गया है कि सरकार के महत्वकांक्षी कार्यक्रम डिजिटल इंडिया के तहत एक ही स्थान पर सभी सरकारी सेवाएं उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। इससे भी व्यापार गतिविधियां बढ़ेंगी और देश के हर कोने में इंटरनेट और ब्रॉंडबैंड पहुंचेगा।