नई दिल्ली। भारत में मोबाइल इंटरनेट यूजर्स की संख्या इस साल जून तक बढ़कर 47.8 करोड़ हो जाने की उम्मीद है। इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) और कंटार-आईएमआरबी द्वारा संयुक्त रूप से प्रकाशित एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। यह रिपोर्ट गुरुवार को जारी की गई।
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि दिसंबर 2017 तक भारत में इंटरनेट यूजर्स की संख्या 17.22 प्रतिशत बढ़कर 45.6 करोड़ यूजर्स तक पहुंच चुकी है। इस रिपोर्ट में देश में मोबाइल इंटरनेट की बढ़ती लोकप्रियता की वजह का भी खुलासा किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि किफायती होने के कारण मोबाइल इंटरनेट तेजी से लोकप्रिय हो रहा है।
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि वॉयस कॉलिंग पर किए जाने वाले खर्च में वर्ष 2013 से ही निरंतर गिरावट देखी जा रही है और वीओआईपी (वॉयस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल) और वीडियो चैटिंग की बढ़ती लोकप्रियता के साथ ही हाल के समय में वॉयस सेवाओं पर किए जाने वाले खर्च में भारी कमी आई है।
इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि ज्यादातर यूजर्स के लिए अब वॉयस की तुलना में डाटा पर खर्च अधिक बढ़ रहा है। इस बात का सबूत इस बात से भी मिलता है कि सभी टेलीकॉम कंपनियों ने अपना पूरा ध्यान वॉयस से हटाकर डाटा पर केंद्रित कर दिया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि शहरी क्षेत्रों में साल-दर-साल आधार पर दिसंबर 2016 से दिसंबर 2017 के दौरान अनुमानित वृद्धि दर 18.64 प्रतिशत रही, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में इसी अवधि के दौरान अनुमानित वृद्धि दर 15.03 प्रतिशत दर्ज की गई।
इस रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है कि दिसंबर 2017 तक कुल 29.1 करोड़ शहरी मोबाइल इंटरनेट यूजर्स हैं, जबकि 18.7 करोड़ ग्रामीण मोबाइल इंटरनेट यूजर्स हैं। रिपोर्ट में शहरी क्षेत्रों में इंटरनेट पहुंच में मंदी आने का अनुमान व्यक्त किया गया है, जहां पहले से ही 59 प्रतिशत पहुंच दर्ज की गई है। वहीं इसके विपरीत ग्राीण भारत में 18 प्रतिशत मोबाइल इंटरनेट पहुंच के साथ आगे आने वाले दिनों में विकास की उम्मदी जताई गई है।