नई दिल्ली। हैदराबाद में हुए तीन आत्महत्याओं की वजह से मोबाइल एप्स और अनऑथोराइज्ड प्लेटफॉर्म के जरिये चल रहे करोड़ों रुपये के घोटाले का भांडाफोड़ हुआ है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की मंजूरी के बिना 30 मोबाइल एप्स से लोगों को काफी ऊंची ब्याज दर पर लोन देने और यूजर्स से 35 प्रतिशत ब्याज वसूलने का गोरखधंधा चल रहा था। लोन की किस्त समय पर नहीं चुकाने पर ये मोबाइल एप्स लेनदारों को काफी परेशान करते थे और उन्हें डराते-धमकाते थे। इन धमकियों और उत्पीड़न से परेशान होकर जब तीन लोगों ने हैदराबाद में आत्महत्या कर ली, तब यह मामला सामने आया।
इस संबंध में हैदराबाद पुलिस ने अब तक 75 बैंक अकाउंट को फ्रीज किया है, जिनमें 423 करोड़ रुपये जमा हैं। इस मामले में तेलंगाना पुलिस ने अब तक 16 लोगों को गिरफ्तार किया है। साइबराबाद पुलिस इस मामले की जांच कर कर रही है और उसने मोबाइल एप्स के जरिये अवैध तरीके से लोन देने का गोरखधंधा चलाने वाले रैकेट के सरगना सरथ चंद्र को गिरफ्तार किया है।
सरथ ने अमेरिका से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है और दो कंपनियों के जरिये यह भारत में मनी लेंडिंग का बिजनेस चला रहा था। उसकी कंपनी ओनियन क्रेडिट प्राइवेट लिमिटेड (Onion Credit Pvt Ltd ) और क्रेड फॉक्स टेक्नोलॉजीज (Cred Fox Technologies) बेंगलुरु में कंपनियों को लोन एप्लीकेशन बेचती थीं। ये दोनों फर्म बेंगलुरु में रजिस्टर्ज कंपनियों के तहत ऑपरेट कर रही थीं और इनका कॉल सेंटर हैदराबाद और गुरुग्राम में था।
आरबीआई ने किया लोगों को सतर्क
भारतीय रिजर्व बैंक ने लोगों को अनाधिकृत तरीके से डिजिटल मंचों और मोबाइल एप के जरिये कर्ज की पेशकश करने वालों को लेकर सतर्क रहने को कहा है। आरबीआई ने बुधवार को एक विज्ञप्ति में कहा कि ऐसी रिपोर्ट है कि लोग/छोटे कारोबारी शीघ्र और बिना किसी झंझट के कर्ज देने का वादा करने वाले अनाधिकृत डिजिटल मंचों और एप के झांसे में फंस रहे हैं। विज्ञप्ति के अनुसार रिपोर्ट में अत्यधिक ब्याज दर और पिछले दरवाजे से अतिरिक्त लागत मांगे जाने की भी बात कही गई। साथ ही वे वसूली के ऐसे कड़े तरीके अपना रहे हैं, जो स्वीकार्य नहीं किया जा सकता और कर्जदारों के मोबाइल फोन पर आंकड़ों तक पहुंच समझौते का दुरुपयोग कर रहे हैं।
आरबीआई ने दी ये सलाह
आरबीआई ने लोगों को सलाह दी है कि वे इस प्रकार की भ्रामक गतिविधियों को लेकर सतर्क रहें तथा डिजिटल एवं मोबाइल एप के जरिये कर्ज की पेशकश करने वाली कंपनी/इकाई की अच्छी तरह से जांच-पड़ताल करें। केंद्रीय बैंक ने ग्राहकों से केवाईसी (अपने ग्राहकों को जाने) की प्रति भी अज्ञात लोगों या अनाधिकृत एप पर साझा नहीं करने को कहा है। तथा इस प्रकार के एप या एप से संबद्ध बैंक खाता सूचना के बारे में संबंधित कानूनी प्राधिकरण को जानकारी दे।
करें ऑनलाइन शिकायत
ऐसे एप, डिजिटल मंच के बारे में ‘ऑनलाइन शिकायत‘ https:achet.rbi.org.in पर की जा सकती है। वैध तरीके से कर्ज दने का काम बैंक और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) कर सकती हैं, जो आरबीआई के पासं पंजीकृत हैं। साथ ही वे इकाइयां जो सांविधिक प्रावधानों के तहत राज्य सरकारों द्वारा नियमित हों, कर्ज देने का काम कर सकती हैं। रिजर्व बैंक ने यह भी व्यवस्था दी है कि बैंकों और एनबीएफसी की तरफ से डिजिटल कर्ज मंच का संचालन करने वालों को संबंधित वित्तीय संस्थानों का नाम ग्राहकों के समक्ष स्पष्ट तौर पर रखना होगा। पंजीकृत एनबीएफसी के नाम और पते आरबीआई की वेबससाइट से प्राप्त किए जा सकते हैं।