केंद्र सरकार समाज के सभी वर्गों के भले के लिए दर्जनों योजनाएं चला रही है। खासतौर पर किसानों के लिए सरकार की ओर से किसान सम्मान निधि जैसी कई लाभकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। किसानों की लागत घटाने के लिए सरकार सब्सिडी भी दे रही है। इसी बीच सिंचाई के लिए किसानों की बिजली पर निर्भरता को कम करने के लिए सरकार सोलर पंप पर भी सब्सिडी दे रही है। इसके लिए सरकार कुसुम योजना चलाती है। जिसमें सोलर पंप की 10 फीसदी लागत किसानों को अदा करनी होती है, वहीं 90 फीसदी लागत को सब्सिडी में शामिल किया जाता है।
लेकिन इस बीच इसी योजना को लेकर फर्जीवाड़े की भी खबर है। इसके तहत कुसुम योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों से लीगल चार्ज के रूप में 5600 रुपये मांगे जा रहे हैं। इसके तहत न्यू एवं रिन्युएबल एनर्जी मंत्रालय की ओर से किसानों को पत्र भी जारी किए गए हैं। जिसके तहत इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को लीगल चार्ज अदा करने होंगे। यह लैटर तेजी से व्हाट्सएप और अन्य सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
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क्या है इस वायरल मैसेज की सच्चाई
सोशल मीडिया पर चल रही इसी प्रकार की फर्जी खबरों की पड़ताल करने के लिए केंद्र सरकार के पत्र सूचना कार्यालय यानि पीआईबी ने फैैक्ट चेक टीम गठित की है। यह फर्जीवाड़ा पीआईबी फैक्ट चैक के सामने भी पहुंचा। मंत्रालय से कॉस चेक करने के बाद पता चला कि मंत्रालय की ओर से ऐसा कोई भी सरकारी आदेश जारी नहीं किया गया है। साथ ही मंत्रालय लीगल चार्ज के रूप में किसी भी किसान से कोई भी राशि नहीं ले रहा है। ऐसे में यदि आपके पास भी यह लैटर पहुंचा है तो यह पूरी तरह से फर्जी है।
इसी फोटो को लेकर पीआईबी फैक्ट चेक ने भी ट्वीट किया है और इस फोटो की सच्चाई बताई है। पीआईबी फैक्ट चेक ने इस फोटो को गलत बताया है। साथ ही अपने ट्वीट में लिखा है, ‘नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की ओर जारी एक अनुमोदन पत्र में कुसुम योजना के तहत सौर पंप स्थापित करने के लिए लीगल चार्ज के बहाने 5,600 रुपये मांगे जा रहे हैं। यह लेटर फेक है। मंत्रालय ने ऐसा कोई भी स्वीकृति पत्र जारी नहीं किया है।