नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मोदी के लालकिले से की गई अपील पर अमल करते हुए रेल मंत्रालय ने प्लास्टिक बैग व सामग्री पर रोक लगाने का फैसला किया है। रेल मंत्रालय ने सभी रेलवे इकाइयों को निर्देश देते हुए कहा है कि 2 अक्टूबर से 50 माइक्रोन से कम मोटाई वाली प्लास्टिक सामग्री के एकल-उपयोग पर प्रतिबंध लगा दें। मंत्रालय ने ये फैसला इसलिए लिया है ताकि प्लास्टिक कचरे का उत्पादन कम हो सके और पर्यावरण के अनुकूल इसका निपटान हो सके। ये आदेश सख्त रुप से 2 अक्टूबर यानी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती से लागू कर दिया जाएगा।
बता दें कि रेल मंत्रालय के निर्देश में कहा गया है कि 2 अक्टूबर से 50 माइक्रोन से कम मोटाई वाली प्लास्टिक सामग्री के एकल-उपयोग पर प्रतिबंध लगा दें। रेल मंत्रालय के आदेश के मुताबिक रेलवे में सिंगल यूज प्लास्टिक पर तुरंत प्रभाव से पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई है। साथ ही रेलवे के सभी वेंडर्स को प्लास्टिक के कैरी बैग का इस्तेमाल बंद करने लिए जागरुक करने को कहा गया है। साथ ही सलाह दी गई है कि दोबारा इस्तेमाल में आने वाले पर्यावरण के अनुकूल बैग यानी की ईको फ्रेंडली बैग का इस्तेमाल किया जाए।
50 माइक्रोन से कम के नहीं होने चाहिए प्लास्टिक बैग
रेल मंत्रालय ने साफ कहा है कि भारतीय रेल को कूड़ा उत्पादक के तौर पर जाना जाता रहा है। इसलिए प्लास्टिक और पॉलिथिन बैग को लेकर 2016 में जो नियम बने हैं, उन्हें फौरन लागू किया जाए। इस नियम के तहत एक बार इस्तेमाल में आने वाले प्लास्टिक बैग 50 माइक्रोन्स से कम के नहीं होने चाहिए।
संसद भी प्लास्टिक मुक्त
बता दें कि लोकसभा सचिवालय ने बीते मंगलवार को संसद भवन परिसर को प्लास्टिक की बोतलों और एक बार इस्तेमाल होने वाली प्लास्टिक के उपयोग पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। इसके साथ रेलवे और मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने भी इसके इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया है। लोकसभा सचिवालय ने अपने निर्देश में संसद भवन में काम करने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों को प्लास्टिक के सामान के बजाय पर्यावरण के अनुकूल थैलों या सामान का इस्तेमाल करने की सलाह दी है।
प्रधानमंत्री ने की अभियान की शुरुआत
दरअसल, 15 अगस्त 2019 को लाल किले से अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्लास्टिक के इसके इस्तेमाल को पूरी तरह से बंद करने का सुझाव दिया था। साथ ही इसे लेकर दो अक्टूबर को देश भर में अभियान चलाने की भी घोषणा की थी।