नई दिल्ली। केन्द्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पाण्डेय ने गुरुवार को घरेलू वाहन कलपुर्जा उद्योग से उत्पादन में स्थानीयकरण पहल को जमीन पर लागू करने और अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों में निवेश बढ़ाने के लिए कहा। भारी उद्योग मंत्री ने भारतीय वाहन कलपुर्जा विनिर्माता संघ (एसीएमए) के वार्षिक सत्र में कंपनियों से कर्मचारियों के कौशल विकास में निवेश करने के लिए भी कहा।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी का विजन है कि स्थानीय उत्पाद के लिये मुखर बना जाये और मुझे पता है कि उद्योग स्थानीयकरण पर काम कर रहा है। इस संबंध में सियाम और एसीएमए एक स्थानीयकरण मसौदा लेकर आए हैं और मैं उद्योग से इसे जमीन पर उतारने का अनुरोध करता हूं।’’ केंद्रीय मंत्री ने उद्योग से विशेष रूप से इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) क्षेत्र के लिए अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों में निवेश बढ़ाने और कार्यबल तैयार करने का भी आग्रह किया। विभिन्न योजनाओं का जिक्र करते हुए उन्होने कहा कि सरकार ने बैटरी उद्योग के साथ ही वाहन तथा वाहन कलपुर्जा क्षेत्रों के लिए पीएलआई योजना शुरू की है, जिसके लिए क्रमशः 18,100 करोड़ रुपये और 97,000 करोड़ रुपये के परिव्यय का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि सरकार 10,000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ फेम-2 योजना भी लाई है। इस योजना के तहत इलेक्ट्रिक वाहनों को समर्थन दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कार्बन फुटप्रिंट को जहां तक संभव हो कम करना है और सरकार ने इस संबंध में हाइड्रोजन तथा इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने की योजना भी तैयार की है।
उद्योग की सराहना करते हुए पाण्डेय ने कहा कि ऑटो क्षेत्र इस समय देश के सकल घरेलू उत्पाद में 2.3 प्रतिशत का योगदान देता है और 50 लाख से अधिक लोगों को रोजगार देता है। पाण्डेय ने कहा, ‘‘हमने 2025-26 तक अगले पांच वर्षों में निर्यात को दोगुना करके 30 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। इससे वैश्विक कारोबार में भारतीय ऑटो कलपुर्जा उद्योग की हिस्सेदारी बढ़कर तीन प्रतिशत से अधिक हो जाएगी।’’ उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में रोजगार का आंकड़ा भी 2025 तक 70 लाख से अधिक होने की उम्मीद है।
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